रायसेन। जन-स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कोविड-19 से रोकथाम व बचाव हेतु कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री उमाशंकर भार्गव द्वारा जिले में सभी प्रकार के तम्बाकू पदार्थ तथा सिगरेट, बीड़ी, खैनी, गुटखा, पान मसाला व जर्दा इत्यादि का उपयोग तत्काल प्रभाव से पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। कोई भी पदाधिकारी, कर्मचारी या नागरिक इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर श्री भार्गव द्वारा जारी आदेश के तहत एपिडेमिक ऐक्ट-1897 एवं मध्य प्रदेश एपिडेमिक डीसीजेज कोविड-19 विनियम-2020 तथा मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ ऐक्ट 1949 की धारा 71(1) के सुसंगत प्रावधानों के अन्तर्गत आगामी आदेश तक जिले के सभी सरकारी/गैर-सरकारी कार्यालय एवं परिसर, सभी स्वास्थ्य संस्थान एवं परिसर, सभी शैक्षणिक संस्थान एवं परिसर, सभी थाना एवं सार्वजनिक स्थान जैसे, मनोरंजन केन्द्र, पुस्तकालय, स्टेडियम, होटल, शापिंग माल, कॉफी हाऊस, निजी कार्यालय, न्यायालय परिसर, रेल्वे स्टेशन, सिनेमा हॉल, रेस्टोरेंट, सभागृह, एयरपोर्ट, प्रतीक्षालय, बस स्टॉप, लोक परिवहन, टी स्टॉल, मिष्ठान भण्डार, ढाबा आदि में किसी भी प्रकार का तम्बाकू पदार्थ तथा सिगरेट, बीड़ी, खैनी, गुटखा, पान मसाला व जर्दा इत्यादि का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है।
यदि कोई भी पदाधिकारी, कर्मचारी या आगन्तुक उक्त नियम का उल्लंघन करते हैं तो उल्लंघन कर्ताओं पर नियमानुकूल कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि तम्बाकू का सेवन जनस्वास्थ्य के लिए बड़े खतरो में से एक है। थूकना एक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा है और संचारी रोगों के फैलने का एक प्रमुख कारण है। तम्बाकू सेवन करने वालों की प्रवृत्ति यंत्र-तत्र थूकने की होती है। थूकने के कारण कई गम्भीर बीमारियों यथा कोरोना (कोविड-19), इन्सेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाईन फ्लू इत्यादि के संक्रमण फैलने की सम्भावना प्रबल रहती है। तम्बाकू सेवन करने वाले लोग गंदगी फैलाकर वातावरण को दूषित करते हैं जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियों के फैलने के लिए उपयुक्त परिस्थति तैयार होती है।
सिगरेट तंबाकू वालों कितनी सजा सजा मिलेगी
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना संक्रमण को विश्वव्यापी महामारी घोषित किया जा चुका है तथा भारत सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इस महामारी के रोकथाम एवं बचाव हेतु कई तरह के दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 268 या 269 के अनुसार कोई भी व्यक्ति यदि ऐसा विधि विरुद्ध अथवा उपेक्षापूर्ण कार्य करेगा जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रम फैलना संभाव्य हो, उस व्यक्ति को छः माह तक का कारावास अथवा 200 रूपए जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है।
इसी प्रकार सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पादन अधिनियम (कोटपा) 2003 की धारा-4 के अनुसार सभी सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। प्रतिबंधित स्थलों पर घूम्रपान निषेध का उल्लघंन करने पर दंड स्वरूप 200 रूपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। तम्बाकू सेवन के उपरान्त उसे यंत्र-तत्र थूकने को निषिद्ध करने के साथ वातावरण को स्वच्छ रखने में सहयोग मिलेगा।
साथ ही यह कदम राज्य सरकार के “कोरोना (कोविड-19), जैसी महामारी से बचाने तथा स्वच्छ भारत स्वास्थ भारत अभियान में अहम योगदान होने के साथ ही जन-स्वास्थ्य की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करेगा।