वैसे तो पीछे लेखों की धारा एवं 73 एवं 74 में हमने आपको कठोर कारावास क्या होती है और कठोर कारावास में अपराधी को कैसे रखा जाता है सम्पूर्ण जानकारी आपको बता दी है। यह न्यायालय के विवेक पर होता है कि वह अपराधी को साधारण कारावास के साथ कठोर कारावास का भी दण्ड दे सकता है लेकिन कुछ कतिपय अपराध में अपराधी को सिर्फ कठोर कारावास से ही दाण्डित किया जाता है।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 60 की परिभाषा:-
उक्त धारा के अनुसार यह न्यायालय का विवेकानुसार होता है कि वह किसी आरोपी को साधारण कारावास के साथ कुछ कठोर कारावास भी दे सकता है। लेकिन भारतीय दण्ड संहिता में दो अपराध ऐसे है जिनमे केवल कठोर कारावास ही दिया जाता है जानिए:-
1. धारा- 194 (फाँसी की सजा दिलवाने के लिए झूठी गवाही देने, झूठा साक्ष्य देना, या झूठा साक्ष्य गढ़ना)।
2. धारा- 499 (किसी को मारने के उद्देश्य से घर मे घुसना)
वह अपराध जो केवल साधारण कारावास से दाण्डित किये जाते हैं जानिए:-
1. धारा- 178 (शपथ लेने से इनकार करना)
2. धारा- 188 (शासकीय सेवक के आदेश को न मानना)
3. धारा- 341(व्यक्ति का रास्ता भटका देना)
4. धारा- 500 (मानहानि करना)
5. धारा- 510 (नशे वाले व्यक्ति द्वारा उत्पात मचाना)
6. धारा- 291 (लोकसेवक के आदेश के बाद भी कार्य को चालू रखना)
7. धारा- 509 ( स्त्री को लज्जित करना, या गालीगलौज करना आदि)
8. धारा- 228 (न्यायिक कार्यवाही के दौरान लोकसेवक को बाधा पहुचना)
9. धारा- 168 एवं 169 (लोकसेवक होते हुए निजी व्यापार करता है या कोई शासकीय संपत्ति में बोली लगता है)
10. धारा - 172 से 174 तक (न्यायालय के समन आदेश न लेना, या फरार हो जाना या बाधा उत्पन्न करना)
11. धारा - 175 ( किसी दस्तावेज को लोकसेवक के सामने प्रस्तुत न करना या लोप कर देना)
12. धारा- 223,225 क, (लोकसेवक द्वारा आरोपी को भगा देना या स्वयं छूट कर भाग जाना)
नोट :- उपर्युक्त अपराध को छोड़ कर बाकी अपराध की सजा कठोर या साधारण या दिनों होगी यह न्यायालय के विवेक पर निर्भर होती है। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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