उज्जैन। कोरोना काल में मध्यप्रदेश में दूसरी बीमारियों से पीड़ितों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। उज्जैन के अस्पताल में वैक्सीनेशन ड्यूटी के दौरान ब्रेन हेमरेज का शिकार शिक्षिका तड़पती रही। उज्जैन वैक्सीनेशन की टीम में कई दिनों से अपनी सेवा दे रही कोरोना वॉरियर शिक्षिका नजमा ब्रेन हेमरेज का शिकार हो गई। वह बीते पांच दिन से कोरोना अस्पताल माधवनगर में भर्ती थी। उसे न तो इलाज मिल पा रहा है और न कोई अन्य अस्पताल भर्ती करने को तैयार है।
मंगलवार को जैसे ही खबर मीडिया को मिली उसे तत्काल सिविल अस्पताल शिफ्ट कर दिया गया। नजमा की हालत बेहद नाजुक है। सिविल अस्पताल का एक वीडियो सामने आया है जिसमे नजमा तड़पते दिखाई दे रही है। लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। नजमा को देख रहे डॉ दीपक शर्मा ने कहा कि सिविल अस्पताल में न्यूरो सर्जन नहीं है और नजमा की हालत खराब हो रही है। उनका ऑक्सीजन लेवल भी लगातार गिर रहा है। संभवतः उन्हें कोरोना के लक्षण भी है और जल्द ही उन्हें अन्य अस्पताल में इलाज के लिए लेकर जाना चाहिए।
नलिया बाखल स्थित कन्या मावि की शिक्षिका नजमा पति रमजान की छत्री चौक डिस्पेंसरी में वैक्सीनेशन ड्यूटी के दौरान तबीयत बिगड़ी। पति रमजान खान के अनुसार डॉ. सोनाली अग्रवाल का इलाज कराया। कोरोना टेस्ट भी कराया। दो दिन बाद उनके सिर में तेज दर्द हुआ। कोरोना की शंका के चलते माधवनगर अस्पताल में भर्ती किया। इसके बाद एमआरआई करवाई तो पता चला कि ब्रेन हेमरेज हो गया। हालांकि कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ गई। डॉक्टरों ने बताया ब्रेन हेमरेज है। गुरुवार से वह बेड पर बेसुध है।
नजमा को लेकर जब CMHO महावीर खंडेलवाल कहा कि इस मामले में मुझे जानकारी नहीं है। ये मामला सिविल सर्जन के क्षेत्र अधिकार का है लेकिन नजमा को देख रहे सिविल अस्पताल के डॉ दीपक शर्मा ने माना कि ब्रेन हेमरेज जैसी बीमारी का इलाज सिविल अस्पताल में नहीं हो सकता है। अस्पताल में न्यूरो सर्जन नहीं है।
कांग्रेस प्रवक्ता नूरी खान सिविल अस्पताल नजमा से मिलने पहुंची। नजमा बेसुध थी और लगातार शरीर में झटके आ रहे थे, जिसके कारण नजमा से बात नहीं कर सकी। नूरी खान ने आरोप लगाया कि सरकार की ड्यूटी निभाते हुए नजमा को ब्रेन हेमरेज हुआ है। सरकार ने उसे यहां अकेला छोड़ दिया जबकि अस्पताल में इलाज का अभाव है। जब तक उसे निजी अच्छे अस्पताल में भर्ती नहीं कराया जाता मैं सिविल अस्पताल के बाहर धरना दूंगी।