भोपाल। आंकड़ों की बाजीगरी की बात नहीं करें तो अलीराजपुर, मध्य प्रदेश का पहला जिला है जो कोरोनावायरस की दूसरी लहर से 100% मुक्त हो गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन में आंकड़ों की टेबल पर अलीराजपुर के सामने हर जगह 0 लिखा है। ना कोई संक्रमित नागरिक मिला और ना ही कोई एक्टिव केस बचा। सही मायनों में इसी को वायरस से मुक्त होना कहते हैं। यदि यही स्थिति लगातार 7 दिन बनी रही तो इसे सबसे सुखद स्थिति कहा जाएगा।
उल्लेख करना आवश्यक है कि अलीराजपुर मध्य प्रदेश का एक आदिवासी क्षेत्र है। यहां के ज्यादातर लोग उच्च शिक्षित नहीं है। सभ्य समाज में जिन बातों को अंधविश्वास कहा जाता है वह बातें यहां परंपरा मानी जाती हैं। बावजूद इसके वायरस को खत्म कर देना निश्चित रूप से बड़ी बात है। कलेक्टर, डॉक्टर और उस हर कर्मचारी व नागरिक को सेल्यूट जो वायरस के खिलाफ युद्ध में बैठकर खड़ा है।
मध्य प्रदेश के 10 जिले जहां वायरस मौके के इंतजार में
भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रतलाम, सागर, बैतूल, राजगढ़, दमोह और शाजापुर ऐसे 10 जिले हैं जहां कोरोनावायरस ना केवल मौजूद है बल्कि शक्तिशाली भी है। वायरस सिर्फ एक मौके का इंतजार कर रहा है। इन सभी जिलों में संक्रमित नागरिकों की संख्या 200 से अधिक है। यह नागरिक अस्पतालों में और अपने घरों में आइसोलेशन में हैं। इन नागरिकों एवं उनके परिजनों की छोटी सी लापरवाही बड़े संकट का कारण बन सकती है।
मध्य प्रदेश के 5 जिले जहां कोरोना सबसे कमजोर
बुरहानपुर, खंडवा, मंडला, पन्ना और कटनी ऐसे जिले हैं जहां कोरोनावायरस सबसे कमजोर है। इन जिलों में एक्टिव केस की संख्या 20 से कम है। यदि पिछले 24 घंटे में मिले संक्रमित नागरिकों की संख्या की बात करें तो मंडला और पन्ना में 1-1 व्यक्ति पॉजिटिव मिले हैं।