भोपाल। मध्य प्रदेश के कर्मचारी नेता एवं राज्य कर्मचारी आयोग के पूर्व सदस्य वीरेंद्र खोंगल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा घोषित कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति योजना में चार बड़ी खामियों का दावा किया है। उनका कहना है कि यदि इन गड़बड़ियों को दूर नहीं किया गया तो कम से कम 20% आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ नहीं मिल पाएगा।
मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति योजना की खामियां
-वीरेंद्र खोंगल का आरोप है कि मुख्यमंत्री कोविड 19 अनुकंपा नियुक्ति योजना में कहा गया है कि संबंधित कर्मचारी की मौत संक्रमण से हुई हो, इस बात के दस्तावेज होने चाहिए। साथ ही इलाज के दौरान मौत की बात साबित होनी चाहिए। कर्मचारी की रिपोर्ट पॉजिटिव होनी चाहिए। ये शर्तें कोविड-19 से दिवंगत 80 फीसद कर्मचारियों के मामलों के खिलाफ है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बहुत से कर्मचारियों की मौत संक्रमण से हुई है लेकिन उनके पास रिपोर्ट नहीं है। जिन कर्मचारियों के पास रिपोर्ट है उनमें से कई की मौत इलाज के दौरान ना होकर घर पर हुई है।
- उक्त योजना में यह भी शर्त है कि आरक्षण नियमों का पालन किया जाएगा यदि अनुकंपा नियुक्ति का लाभ ले देना है और उसमें आरक्षण नियमों का पालन किया गया तो ऐसे में कुछ मृतक कर्मचारियों के परिजनों को लाभ नहीं मिलेगा।
- योजना में यह भी कहा गया है कि उस कर्मचारी उस मृतक कर्मचारी के पीड़ित को इस योजना में शामिल नहीं किया जाएगा जिसके परिवार के सदस्य निगम मंडल बोर्ड में ड्यूटी कर रहे हैं जो कि गलत है।
- सबसे बड़ी आपत्ति योजना के प्रभावी होने की तारीख और लागू रहने की तारीखों पर भी है। उनका कहना है कि उक्त योजना को 1 मार्च 2021 से लागू बताया है और 30 जून 2021 तक प्रभावी बताया है। जिस पर वीरेंद्र का कहना है कि योजना के लागू होने के पूर्व और योजना के समाप्त होने के बाद कोरोना संक्रमण से दिवंगत कर्मचारियों के साथ बड़ा अन्याय है। इसमें संशोधन होना चाहिए।
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