मात्र ₹20 में पेट का पॉइजन खत्म, 20 से ज्यादा बीमारियां नहीं होंगी - HOME REMEDIES in HINDI

Bhopal Samachar
अब तो दुनिया भर के लोग समझ चुके हैं कि बीमार होने के बाद दवाइयां खाने से ज्यादा अच्छा है बीमारी से बचा जाए। क्योंकि महामारी के इलाज के लिए जिन दवाइयों का उपयोग किया गया उनमें से कुछ दवाइयों ने नई बीमारियां पैदा कर दी। गलती डॉक्टर की हो या दवाई बनाने वाली कंपनी की परंतु कड़वा सच यह है कि कुछ लोग अब इस दुनिया में नहीं है। आइए हम आपको बताते हैं कि मात्र ₹20 में आपके पेट में मौजूद फूड पॉइजन को कैसे खत्म किया जा सकता है।

ग्वार गम किन बीमारियों का उपचार करने में प्रयोग किया जाता है

आपको अपने वीकली डाइट चार्ट में ग्वार की फली (क्लस्टर बीन) को शामिल करना है। मनुष्य के शरीर को स्वस्थ रखने के लिए यह इतनी अधिक उपयोगी है कि इसका उत्पादन पूरे वर्ष भर नियमित रूप से किया जाता है। इसमें से निकलने वाला ग्वार गम कब्ज, दस्त, और इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम में एक प्राकृतिक उपचार के रूप में उपयोग किया जाता है।

ग्वार की फली (क्लस्टर बीन) के फायदे 

ग्वार फली खाने से पेट की पाचन क्रिया में सुधार होता है। इसके कारण भूख बढ़ती है और शरीर को पूरा पोषण मिलता है। 
ग्वार की फली में भरपूर फाइबर होता है जिसके कारण शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ हर रोज सुबह टॉयलेट में फ्लश हो जाते हैं।
ग्वार की फली या क्लस्टर बीन डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी लाभदायक है। इसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के साथ टैनिन और फ्लेवोनोइड्स, ब्लड ग्लूकोस को बैलेंस करने में सहायता करते हैं।

ग्वारफली, LDL यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। फाइबर, फोलेट, और पोटेशियम के कारण आर्टिरीज में ब्लॉकेज नहीं आते और हार्ट अटैक नहीं होता।
कैल्शियम और फास्फोरस के कारण हड्डियां मजबूत होती है।
ग्वार की फली में आयरन होता है जो एनीमिया के मरीजों के लिए फायदेमंद है। 
गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन, कैल्शियम और फोलिक एसिड के स्रोत के रूप में ग्वार की फली को खाने की सलाह दी जाती है। 
सबसे मजेदार बात यह है कि क्लस्टर बीन खाने से टेंशन का लेवल कम हो जाता है।

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