ग्वालियर। ग्वालियर के सिंधिया राजपरिवार और चंबल का रिश्ता सैकड़ों साल से अच्छा नहीं है। वैसे भी सुरक्षा की दृष्टि से चंबल भारत के सबसे खतरनाक क्षेत्रों में आता है। पुलिस की लापरवाही कहिए या कुछ और यह तो जांच में पता चलेगा लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया को चंबल क्षेत्र में बिना सुरक्षा के 7 किलोमीटर तक चलना पड़ा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया निरावली से हजीरा IIITM तक 7 किलोमीटर बिना सुरक्षा और फॉलो वाहन के आए। इसके बाद हड़कंप मच गया। ग्वालियर और मुरैना के 14 पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए हैं। वह तो अच्छा हुआ IIITM के पास TI हजीरा आलोक परिहार की नजर सिंधिया की गाड़ी पर पड़ी। इसके बाद उन्होंने पायलटिंग कर उन्हें जयविलास पैलेसे तक सुरक्षित पहुंचाया। यह चूक मुरैना और ग्वालियर पुलिस की पायलटिंग टीम में समन्वय न होने के कारण हुआ। इससे पहले 12 जून को ग्वालियर से दिल्ली जाते समय गोला का मंदिर में NSUI ने चलती कार को रोक लिया था।
सोमवार को अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस पर ग्वालियर में वैक्सीनेशन के महा अभियान में शहर के युवाओं को प्रोत्साहित करने सिंधिया को आना था। इसके के लिए राज्यसभा सांसद व पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रविवार रात दिल्ली से सड़क मार्ग द्वारा ग्वालियर के लिए निकले थे। उनको लगातार हर जिले में पुलिस पायलटिंग और फॉलो वाहन मिल रहा था।
मुरैना की सीमा में एंट्री करते मुरैना की पायलटिंग टीम ने सिंधिया के आगे चलना शुरू किया। पुरानी छावनी के निरावली पॉइंट से कुछ दूर पहले मुरैना की पुलिस को सिंधिया की कार जैसी दूसरी कार ओवरटेक करके निकल गई। इसके बाद पुलिस टीम उस गाड़ी के पीछे लग गई। कितनी अजीब बात है कि सुरक्षा में तैनात पुलिस टीम ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के वाहन का नंबर याद नहीं रहा। वाहन के मॉडल के आधार पर सुरक्षा प्रदान की जा रही थी।
तय सूचना के साथ ही यहां ग्वालियर पुलिस की एक टीम पायलट और फॉलो वाहन के साथ तैयार थी। ग्वालियर पुलिस की टीम उसी कार को सिंधिया की कार समझकर पायलटिंग करने लगी। कुछ समय तक पायलटिंग की, लेकिन कार बार-बार ओवरटेक कर रही थी। इस पर पुलिस अफसरों और जवानों को शक हुआ। उन्होंने देखा तो कार में कोई दूसरा व्यक्ति था, तब तक तक देर हो चुकी थी। इसी दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया का वाहन काफी आगे निकल चुका था।
निरावली से हजीरा तक ज्योतिरादित्य सिंधिया खतरे में थे
पुरानी छावनी के निरावली पॉइंट पर यह गड़बड़ हुई। वहां से IIITM हजीरा चौराहा तक सिंधिया बिना सुरक्षा और पायलटिंग वाहन के अकेले आए। करीब 7 किलोमीटर का यह सफर में कुछ भी हो सकता था। इसे बहुत बड़ी चूक माना जा रहा है। वो तो किस्मत रहीं कि TI हजीरा आलोक सिंह परिहार हजीरा थाना के सामने से सिंधिया की कार को गुजरता देखकर तत्काल सुरक्षा प्रदान की और पायलटिंग कर राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य को जयविलास पैलेस तक पहुंचाया।
मुरैना के 9, ग्वालियर के 5 टोटल 14 पुलिस कर्मचारी सस्पेंड
सिंधिया की सुरक्षा में चूक मामले में मुरैना और ग्वालियर पुलिस की लापरवाही सामने आई है। मुरैना के फॉलो व पायलटिंग वाहन में 9 पुलिसकर्मी थे, जबकि ग्वालियर में 5 पुलिसकर्मी थे। दोनों ने आपस में कोई बात नहीं की न ही समन्वय से काम किया। जिस कारण सभी 14 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इनमें से 5 सब इंस्पेक्टर हैं।
गड़बड़ी की जांच की जा रही है
इस गड़बड़ी की जानकारी मिलते ही ग्वालियर के 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। शेष 9 पुलिसकर्मी मुरैना के थे, जिनको मुरैना SP ललित कुमार ने सस्पेंड कर दिया है। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है।
अमित सांघी, SP ग्वालियर
21 जून को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार
महत्वपूर्ण, मददगार एवं मजेदार जानकारियां
:- यदि आपके पास भी हैं ऐसे ही मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com