भारत में आज भी ऐसे कई परिवार है जहां शादी के लिए लड़की को पसंद करने घर की महिलाएं समूह बनाकर जाती हैं। लड़की के चेहरे और हाइट की तरफ केवल लड़का देखता है जबकि महिलाएं लड़की का माथा, हाथों की उंगलियां और पैरों पर फोकस करती हैं। सवाल यह है कि महिलाएं लड़की के माथे, उंगलियां और पैरों में क्या देखती है।
दरअसल यह भारत के प्राचीन समुद्र शास्त्र की एक प्रक्रिया है। समुद्र शास्त्र के अनुसार जिन लड़कियों का माथा चौड़ा होता है वह बहुत भाग्यशाली होती है। ऐसी कन्या यदि दुल्हन बनकर घर आती है तो पूरे परिवार में सौभाग्य की वृद्धि होती है। धन दौलत की कमी नहीं रहती।
समुद्र शास्त्र की मान्यता के अनुसार यदि लड़की के शरीर के बाएं हिस्से में तिल या मस्सों की संख्या अधिक है तो ऐसी कन्या पूरे परिवार के लिए भाग्यशाली होती है। ऐसी कन्या अपने ससुराल में सुख और समृद्धि का कारक बनती है। पति की तरक्की भी उसी के भाग्य से होती है।
माना जाता है कि यदि कन्या के पैरों के तलवे पर रेखाओं के माध्यम से कमल, शंख या फिर चक्र की आकृति बनी हुई है तब ऐसी कन्या के भाग्य में राजयोग होता है। ऐसी लड़कियां किसी बड़े पद पर पदस्थ होती हैं। उनकी सत्ता को कोई चुनौती नहीं दे पाता।
मान्यता के अनुसार यदि लड़की की उंगलियां लंबी है तो वह बुद्धिमान एवं अपने पति के लिए सौभाग्यशाली होगी। यदि गर्दन लंबी है तो अपने ससुराल में साक्षात लक्ष्मी बनकर आएगी। ना केवल पति बल्कि ससुराल में सभी को धन लाभ होता है।
पैर के अंगूठे चौड़े, गोल और लालिमा लिए होते हैं तो उन्हें अपने ससुराल में सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं लेकिन यदि अंगूठा ज्यादा लंबा होता है तो माना जाता है कि उसे जीवन में काफी संघर्ष करना पड़ता है। जिस कन्या के पैर का तलवा सपाट ना हो बल्कि सर्प के समान (एस कर्व) हो तो मान्यता है कि इस कन्या पर ईश्वर की कृपा रहती है। उसे दुख नहीं भोगने पड़ते, जीवन में हर सुख सुविधा आसानी से प्राप्त हो जाती है।