भोपाल। मध्य प्रदेश ट्रेन में छेड़छाड़ की शिकार जिस महिला ने झांसी से भोपाल तक तीन-तीन बदमाशों से मुकाबला किया, उन्हें सजा दिलाने के लिए रेलवे के अधिकारियों से गुहार लगाती रही। आधी रात को ढाई घंटे भोपाल जीआरपी थाने में एफआइआर दर्ज कराने के लिए चक्कर काटे। जब किसी ने नहीं सुनी तो रेलमंत्री पीयूष गोयल, डीआरएम भोपाल व अन्य को ट्विवट पर शिकायत की। उसी महिला ने सोमवार सुबह कह दिया कि मैं सिस्टम से त्रस्त हो गई हूं। एफआइआर दर्ज नहीं कराना चाहती।
मामला राजधानी एक्सप्रेस के एसी कोच में टीटीई व दो अन्य लोगों द्वारा छेड़छाड़ करने का है। महिला नई दिल्ली से मुंबई जा रही राजधानी एक्सप्रेस 01222 में एचए-1 के सी कूपे में बैठी थी। ट्रेन रविवार रात 12.40 बजे भोपाल स्टेशन पहुंची थी। महिला ने झांसी के बाद ही उसके साथ छेड़छाड़ करने की शिकायत की थी। सूचना पर जीआरपी के जवान कोच में पहुंचे थे, लेकिन छेड़छाड़ करने वाला टीटीई व अन्य लोग छुप गए। महिला ने ट्रेन रोककर तलाशी की मांग भी की थी, लेकिन ठहराव समय से अधिक समय तक ट्रेन नहीं रोकी गई, तब तक बदमाश नहीं मिले थे।
दरअसल एफआइआर दर्ज नहीं करने की वजह सिस्टम से नाराजगी और जिम्मेदार अधिकारी व जवानों द्वारा दिखाया गया डर है। महिला के परिजनों ने बताया कि रविवार रात में जब एफआइआर दर्ज करने की गुहार लगाते रहे, तब कुछ अधिकारी व जवान बदनामी का डर दिखाने लगे। कहने लगे कि सोच लो। एफआइआर दर्ज कराई तो गवाही देने के लिए कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ेंगे। समाज में बदनामी अलग होगी। यह बात महिला के परिचित ने ट्विटर पर रेलमंत्री और डीआरएम को बताई है। जीआरपी के जवानों का जिक्र भी किया है। परिजनों ने यहां तक बताया कि महिला से रात में ही जीआरपी के जवान यह लिखवाना चाहते थे कि वो कोई कार्रवाई नहीं करवाना चाहती।
सोमवार सुबह महिला के एक परिजन ने बताया कि वह त्रस्त हो गई है, सदमे है। अब शिकायत नहीं करवाना चाहती। रविवार रात में उसे सही बात कहने पर डराया-धमकाया गया। कार्रवाई नहीं की गई। आरोपितों को पकड़ने की बजाय कार्रवाई करने वालों का जोर महिला को समझाने में रहा।
महिला के साथ रात में छेड़छाड़ की जानकारी मिली थी। महिला से संपर्क कर रहे हैं। यदि वह चाहेगी तो एफआइआर दर्ज करेंगे। छेड़छाड़ करने वालों को नहीं छोड़ा जाएगा। रात में महिला को क्यों नहीं सुना गया, इसकी जांच करवाएंगे।
हितेश चौधरी, एसआरपी, GRP भोपाल