भोपाल। निरंतर 2 वर्षों से वेतन भत्तों में कटौती की मार झेल रहे प्रदेश के शिक्षक कर्मचारी प्रदेश के विधायकों मंत्रियों के वेतन भत्ते की बढ़ोतरी की खबरों से आग बबूला हो उठे है। उनका कहना है कि सरकार तत्काल वेतन वृद्धि और डीए बहाल करें।
कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार के सभी विकास कार्य व उनके भुगतान निरंतर जारी है यहाँ तक कि माननीयों के वेतन-भत्ते, सुख सुविधाओं के खर्चों में किसी प्रकार की कोई कटौती नहीं की गई है,प्रदेश के आईएएस अफसरों के वेतन भत्तों और सुविधाओं में भी कोई कटौती नहीं की गई है, जबकि करोडो रूपये की राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष में देने के बाद भी प्रदेश के शिक्षकों कर्मचारियों को प्रदेश के आर्थिक संकट का हवाला देकर विगत 2 वर्षों से वेतन भत्तों में निरन्तर वंचित रखा जा रहा है!
सरकार रोकी गई वेतन वृद्धि और डीए तत्काल बहाल करें
समग्र शिक्षक संघ, म.प्र जागरूक अधिकारी कर्मचारी संघ, मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर मांग उठाई है कि जब सारी आर्थिक गतिविधियां सामान्य रूप से संचालित हैं,कोरोना महामारी के बावजूद माननीयो का इनकम टैक्स सरकारी खजाने से भरा जा सकता है,उनके वेतन भत्तों में बढ़ोतरी की सिफारिशों के लिए कमेटी गठित की जा रही हहै तो कोरोना महामारी में वास्तविक रुप से अपनी जान गवाने वाले, अपनी जान लड़ाने वाले छोटे कर्मचारियों के साथ ही अन्याय क्यों? सरकार रोकी गई वार्षिक वेतन वृद्धि और डीए पर लगी रोक को तत्काल हटाए!
इनका कहना है
कोरोना महामारी में सरकारी मशीनरी ही है जिसने तमाम संकटों के बीच अपनी जान दांव पर लगाकर ये लड़ाई जारी रखी है उन्हें सरकार प्रोत्साहन भले ही ना दे किंतु उनका वाजिब हक उन्हे मिलना चाहिए!
सुरेशचंद्र दुबे प्रदेश अध्यक्ष समग्र
सरकार प्रदेश के महामारी के असली योद्धा कर्मचारियों को प्रोत्साहन देने के स्थान पर हतोत्साहित कर रही है सरकार प्रदेश के कर्मचारियों की रोकी गई वार्षिक वेतन वृद्धि और डीए पर लगी रोक को तत्काल हटाए!
जगमोहन गुप्ता, प्रदेश उपाध्यक्ष
मध्यप्रदेश जागरूक अधिकारी कर्मचारी संघ