सरकार को कुछ उपाय करने होंगे तभी टीकाकरण अभियान सफल होगा: Dr Pravesh Bhadoriya @ my opinion

Bhopal Samachar
भारत में कोरोना संक्रमण को लगभग 18 महीने और टीकाकरण अभियान को प्रारंभ हुए लगभग 05 महीने हो चुके हैं। असंख्य मृत्यु और पोस्ट कोविड बिमारियों के बाबजूद भी देश की जनता ना ही कोरोना से बचाव के प्रति जागरूक दिख रही है और ना ही टीकाकरण करवाने के लिए। विकास के नाम पर अमेरिका और शत्रु के नाम पर पाकिस्तान को 24 घंटे दिखाने वाले खबरिया चैनल में "इजरायल", जिसे पहला मास्क फ्री देश होने का दर्जा मिल गया है, को 05-10 सेकंड की ही जगह मिल पायी। 

कोरोना से बचने के दो ही उपाय समझ आते हैं। एक तो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आये अथवा मास्क लगाएं और दूसरा किसी ऐसी सतह, को जिसे संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुआ गया हो, को छूने के बाद हाथ को विसंक्रमित अर्थात सेनिटाइज किया जाये। 
कोरोना का संक्रमण समय के साथ और खतरनाक होता जा रहा है जो कि वाइरस के प्राकृतिक नियम के अनुरूप ही है और ऐसे में कोविड की भयावहता से बचने का फिलहाल एक ही तरीका नजर आ रहा है और वो है "टीकाकरण"। 

किंतु देश में कोविड टीकाकरण अभी तक इतना सफल क्यों नहीं हो पाया है जितना होना चाहिए ? इसके कुछ कारण हो सकते हैं -
1. टीकाकरण को लेकर निश्चित अध्ययन अभी तक नहीं आ पाया है और सरकार द्वारा दो डोज के बीच अंतराल की अलग-अलग सीमाएं बनाना टीकाकरण के प्रति संशय की स्थिति बना रहा है।
2. टीकाकरण की प्रक्रिया को कंप्यूटरीकृत रखना जिससे प्रतीत होता है कि सरकार का लक्ष्य डाटा एकत्रित करना है।
3. पंचायतों और आदिवासी समितियों को टीकाकरण अभियान में प्रमुखता से शामिल नहीं करना जिससे उनके स्तर पर उदासीनता देखी जा रही है।
4. "बेहतर टीका" के इंतजार में प्रतीक्षा करना।
5. पोलियो अभियान की तरह कोई ब्रांड अंबेसेडर नहीं बनाना।

सरकार को कोविड टीकाकरण अभियान को सफल करने के लिए निम्न उपाय आवश्यक रुप से करने ही होंगे -

1. ग्राम सेविका/पंचायत सचिव/आदिवासी समिति के सदस्यों को टीकाकरण लक्ष्य देने के साथ ही इंसेंटिव का प्रबंध हो।
2. आदर्श टीकाकरण केंद्र की स्थापना और उसका प्रचार प्रसार करना जिससे टीकाकरण केंद्र पर सकारात्मक प्रतियोगिता की भावना विकसित हो।
3. टीकाकरण की प्रक्रिया को राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान की तरह ही चलाया जाये जिसमें लक्ष्य "टीका करना हो" ना कि डाटा एकत्रित करना। साथ ही जच्चा बच्चा रक्षा कार्ड की तरह ही कोविड टीकाकरण कार्ड बने।
4. टीकाकरण के पश्चात मृत्यु हो रही हैं,इन खबरों पर रोक लगायें।
5. डोर-टू-डोर टीकाकरण अभियान चलाया जाये।
6. टीकाकरण हेतु लोकल लेवल पर ब्रांड अंबेसेडर बनाये जायें साथ ही रोल मॉडल माने जाने वाले व्यक्तियों को भी इसमें सम्मिलित किया जाये।
7. टीकाकरण के पश्चात ही किसी भी चीज़ की परमिशन दी जाये फिर चाहे वो चुनाव लड़ना हो या वोट डालना हो, सामान खरीदना हो या बेचना हो या फिर सरकारी सुविधाओं का लाभ लेना हो।

उपरोक्त कुछ उपाय हैं जिससे टीकाकरण सफल हो सकता है वर्ना "महाअभियान" जैसे कार्यक्रम प्रति 2-3 माह में चलाने पड़ सकते हैं। (लेखक डॉक्टर प्रवेश सिंह भदौरिया ग्वालियर स्थित जयारोग्य अस्पताल में पदस्थ हैं।)
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