नई दिल्ली। भारत सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को प्रोविजनल पेंशन नियम में संशोधन कर दिया है। पहले प्रोविजनल पेंशन की अवधि 6 महीने की थी जिसे बढ़ाकर 1 साल कर दिया गया है। सरकार ने कोरोनावायरस संक्रमण काल की समस्याओं को देखते हुए यह फैसला लिया है।
CCS (Pension), 1972 के Rule 64 में बदलाव किया गया
प्रोविजनल पेंशन की अवधि में संशोधन के बाद जिस तारीख को सरकारी कर्मचारी रिटायर होगा, उसे उस दिन से 1 साल तक Provisional Pension मिलती रहेगी। हालांकि इसके लिए कर्मचारी को संबंधित विभाग के HoD की मंजूरी लेनी होगी। CCS (Pension), 1972 के Rule 64 के अनुसार Provisional Pension 6 महीने के लिए ही दी जाती है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसे अब बढ़ाकर 1 साल कर दिया गया है।
प्रोविजनल पेंशन का फायदा कर्मचारी के अलावा परिवार पेंशन वालों को भी
केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने पहले ही ऐलान किया था कि रिटायरमेंट तारीख से 1 साल के लिए इस पेंशन का इंतजाम किया गया है। उनके मुताबिक महामारी के दौरान कर्मचारियों को नियमित पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO) जारी होने और पेपर वर्क पूरा होने तक प्रोविजनल पेंशन (Provisional Pension to CG Employees) दी जाएगी। यही व्यवस्था परिवार पेंशन पाने वालों के साथ भी होगी।
महामारी के कारण पेंशन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया है कि महामारी के कारण सरकारी कर्मचारियों को दफ्तर में पेंशन फार्म जमा करने में दिक्कत हो सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि वे सर्विस बुक के साथ क्लेम फार्म पे एंड एकाएंट दफ्तर में जमा कर पाने की स्थिति में न हों। खासकर दोनों दफ्तर अगर अलग-अलग शहरों में हैं, तो यह दिक्कत और बढ़ जाती है।