टपकते हुए नल तो पूरे भारत में मिल जाते हैं। लोग इन पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। सोचते हैं एक-एक बूंद पानी के टपकने से क्या होता है। जब थोड़ा ज्यादा टपकने लगेगा तो प्लंबर को बुलाकर रिपेयरिंग करा लेंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं इस तरह बूंद-बूंद पानी टपकने से 1 साल में 8000 लीटर से ज्यादा पानी बर्बाद हो जाता है।
एक संस्था ग्रीन सूत्र ने इसके बारे में कैलकुलेशन करके रिपोर्ट पब्लिक की थी। वैसे यह कैलकुलेशन कोई भी अपने घर में कर सकता है। प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार यदि किसी नल से एक सेकंड में एक बूंद पानी गिरता है तो 1 दिन में 22 लीटर, 1 महीने में 660 लीटर और 1 साल यानी 365 दिन में 8030 लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार चार व्यक्तियों के एक परिवार को 1 दिन में 340 लीटर पानी की जरूरत होती है। जब आपके नल से एक-एक बूंद पानी टपक रहा होता है तब आपके ही शहर के किसी दूसरे भाग पर जलस्तर कम हो रहा होता है।
आबिद सुरती 14 साल से से बूंद-बूंद पानी बचा रहे हैं
गुजरात के रहने वाले आबिद सुरती पिछले 14 सालों से बूंद-बूंद पानी बचा रहे हैं। वह लोगों के घर जाते हैं और उनके टपकते हुए नल को ठीक करते हैं। 2007 में उन्होंने अपना यह अभियान शुरू किया था। 85 साल की उम्र में उन्होंने गरीब झोपड़ियों से लेकर कई बॉलीवुड सितारों तक के बूंद-बूंद टपकते नल को ठीक किया है। वह अब तक करीब 21000 दरवाजे खटखटा चुके हैं। काश हर शहर में आबिद सुरती होते और सरकार की तरफ से उन्हें प्रोत्साहित किया जाता। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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