घर के बाहर कॉलोनी में या सड़क पर स्वतंत्र कुत्ते (जिन्हें आवारा कुत्ते भी कहा जाता है) कई बार रात के समय एक विशेष प्रकार की ध्वनि करते हैं। कुछ बुजुर्ग कहते हैं कि जब यमराज आते हैं तो कुत्तों को सबसे पहले दिख जाते हैं और वह रोने लगते हैं। आइए पता करते हैं कि कुत्ते रात के समय रोते क्यों है। क्या सचमुच उन्हें किसी की मृत्यु का पूर्वाभास हो जाता है।
क्या सचमुच कुत्तों को यमराज दिखते हैं
कहा जाता है कि रात के समय जब यमराज आते हैं तब कुत्ते उन्हें देखकर रोने लगते हैं। कुत्तों की रोने का मतलब होता है क्षेत्र में किसी की मृत्यु होने वाली है। या फिर इस क्षेत्र से यमराज होकर गुजरे हैं। यदि इस तर्क पर विश्वास कर लिया जाए तो फिर बड़ा प्रश्न यह है कि यमराज जब दिन के समय आते हैं तब कुत्तों को दिखाई क्यों नहीं देते। दिन के समय कुत्ते वह डरावनी आवाज क्यों नहीं निकालते। जब की मृत्यु तो दिन के समय भी होती हैं।
रात में कुत्तों के रोने का असली कारण
रात्रि के समय कुत्ते जब विशेष प्रकार की ध्वनि निकालते हैं तो उसे Howl ( हाउल्, चीख) कहते हैं। यह एक प्रकार का संकेत है। howl करके एक कुत्ता उस क्षेत्र के दूसरे कुत्तों से मदद की मांग करता है। जब उसे अंधेरे अथवा एकांत से डर लगता है howl करता है। यदि वह भूखा है तब भी रात्रि के समय howl करता है। जब वह अपने साथियों से बिछड़ जाता है और अंधेरे में अकेला पड़ जाता है तब howl करके साथियों को वापस बुलाता है। दूसरे कुत्ते भी इसी प्रकार की ध्वनि करके उसके पास पहुंच जाते हैं। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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