ग्वालियर। 7 दिन पहले मध्य प्रदेश की बेटी रेनू शर्मा का मार्मिक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। शिक्षित है और सक्षम भी लेकिन सरकार की पॉलिसी के कारण बाजार में ब्लैक फंगस का इंजेक्शन नहीं मिल रहा था। उसने हाथ जोड़कर गुहार लगाई थी लेकिन ना मामा, ना महाराज किसी ने इंजेक्शन उपलब्ध नहीं कराए। सोनू सूद ने कोशिश की लेकिन असफल रहे। रेनू के पिता का देहांत हो गया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रेरणा से किसी ने मदद नहीं की
बेटी रेनू शर्मा के पिता राजकुमार शर्मा ट्रैक्टर एजेंसी के संचालक थे। इलाज के लिए पैसों की कमी नहीं थी लेकिन सरकार की पॉलिसी थी कि ब्लैक फंगस के इंजेक्शन खुले बाजार में नहीं मिल रहे थे। इसलिए रेनू शर्मा ने हाथ जोड़कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और जनता के लिए गंदे नालों में उतरकर सफाई करने वाले मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से मदद की गुहार लगाई थी। उम्मीद थी कि ग्वालियर का मामला होने के कारण महाराजा श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रेरणा से कोई ना कोई इंजेक्शन उपलब्ध करा ही देगा। पूरे प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रेरणा से लोगों की जान बचाने का काम चल रहा है। और फिर मामा तो हमेशा कहते ही हैं कि भांजियों के लिए वह कुछ भी करने को तैयार है। लेकिन किसी ने मदद नहीं की। सोनू सूद ने रेनू से फोन पर बात की। मदद करने की कोशिश भी की लेकिन सरकारी पॉलिसी के कारण सोनू सूद भी वह इंजेक्शन उपलब्ध नहीं करा पाए जिसकी जरूरत थी।
यह था पूरा मामला
शहर के डीडी नगर निवासी राजकुमार शर्मा ट्रैक्टर की एजेंसी चलाते थे। 27 अप्रैल को वह कोरोना की चपेट में आए थे। उसके बाद राजकुमार को ब्लैक फंगस हो गया। 15 मई को उन्हें सेवा नगर रोड पर अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। फंगस को रोकने डॉक्टर ने करीब 100 इंजेक्शन की डिमांड की थी। राजकुमार की बड़ी बेटी रेनू 19 साल ने अपने मामा के साथ मिलकर किसी तरह सिर्फ 20 इंजेक्शन का इंतजाम कर लिया, लेकिन इसके बाद इंजेक्शन नहीं मिल रहे थे। जिस कारण फंगस फैलने से रेनू के पिता की लेफ्ट आई (उल्टी आंख) व ऊपर का जबड़ा निकालना पड़ा है। लिपोसोमल एमफोटेरेसिन बी-50 MG की डिमांड पूरी नहीं हो रही थी। जब कलेक्टर ग्वालियर, सभी SDM व ड्रग कन्ट्रोलर से भी इंजेक्शन नहीं मिले तो 25 मई सुबह रेनू ने एक मार्मिक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था, जिसमें प्रदेश के मुखिया शिवराज को मामा कहते हुए उनसे मदद मांगी थी।
इंजेक्शन मिलने के बाद भी डॉक्टर बचा नहीं पाए
पिता की मौत के बाद रेनू ने बताया कि प्रशासन से ज्यादा उम्मीद न करते हुए दिल्ली से इंजेक्शन अरेंज किए थे। करीब 10 दिन की डोज लग चुके थे। पापा की हालत में इतना सुधार था कि वह बेड से उठकर वार्ड में चलने फिरने लगे थे। पर दो दिन पहले अचानक बुखार आया और वह वापस बिस्तर पर आ गए। 48 घंटे में इतनी हालत बिगड़ी की ब्लड उनके माइंड तक नहीं पहुंच रहा था। डॉक्टर भी नहीं समझ पा रहे थे कि इसे कैसे कन्ट्रोल करें। मंगलवार सुबह अचानक पता लगा कि पापा नहीं रहे। काश वह बच जाते।
क्योंकि रेनू शर्मा वोट बैंक नहीं है
राजकुमार शर्मा की मौत के बाद सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। सरकार को समय पर इंजेक्शन उपलब्ध कराना चाहिए था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। खुद को जनता का प्रतिनिधि कहने वाले नेताओं ने कुछ नहीं किया। राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया को ग्वालियर का भाग्य विधाता कहा जाता है, लेकिन उन्होंने भी कुछ नहीं किया। शायद इसलिए क्योंकि रेनू शर्मा कोई वोट बैंक नहीं है। एक ब्राह्मण व्यापारी की बेटी की मदद करने से शायद कोई पॉलिटिकल प्रॉफिट नहीं होने वाला था।
@ChouhanShivraj @JM_Scindia @nstomar @PradhumanGwl Please help her.
— Arjun Deodia (@arjundeodia) May 25, 2021
Injection Required - Amphonex 50 mg (Liposomal Amphotericin
Disease - Black fungal infection
Patient Name : Raj kumar sharma
RJN Apollo Spectra hospital, Gwl
Contact Number : +919425769611 (Renu) pic.twitter.com/NtavJRwL8E