ग्वालियर। तोड़फोड़ करते समय नगर निगम की टीम किसी की नहीं सुनती। उन्हें जो ठीक लगता है वह करते हैं। जो दिखाई देता है उसे तोड़ देते हैं। ग्वालियर के थाटीपुर में ऐसा ही हुआ। हाउसिंग बोर्ड का एक खाली बंगला तोड़ने गए थे। उसके साथ न्यायाधीश के बंगले की बाउंड्री वॉल भी तोड़ डाली। आम आदमी होता तो शासकीय कार्य में बाधा का मामला दर्ज करा देते लेकिन न्यायधीश के सामने घुटने टेकने पड़े। प्रशासन ने वापस बाउंड्री वॉल बना कर दी।
मौके पर तमाम जिम्मेदार अधिकारी मौजूद थे, फिर भी गलती कर दी
ग्वालियर के थाटीपुर में पुर्नघनत्वीकरण (वापस थाटीपुर के इस इलाके को बसाने) की योजना के पहले चरण में 60 मकानों को तोड़ा जा रहा है। इसी क्रम में रविवार दोपहर हाउसिंग बोर्ड के नोटिस पर खाली किये गये F-11 बंगले को जिला प्रशासन और मदाखलत अमले ने ढहा दिया है। यह कार्रवाई ADM आशीष तिवारी, हाउसिंग बोर्ड के उपायुक्त एसके सुमन, तहसीलदार कुलदीप दुबे और पुलिस बल की मौजूदगी में की गई। ऐसी कार्रवाई के समय जिम्मेदार अधिकारियों को इसलिए मौके पर तैनात किया जाता है ताकि मदाखलत दस्ता कोई गलती ना करें लेकिन जेसीबी के कारण मौजूद अधिकारी जिम्मेदार के बजाय ताकतवर बन जाते हैं। इस मामले में ऐसा ही हुआ।
और कोई होता तो जेल भेज देते लेकिन विरोध करने वाला न्यायाधीश था
तोड़फोड़ के दौरान टारगेट बंगला के पास का बंगला F-10 की बाउंड्रीवॉल तोड़ दी गई। इस बंगले में ADJ एके नामदेव रहते हैं। बाउंड्री टूट जाने से जज नामदेव ने नाराजगी जताई। साथ ही सभी को सबक सिखाने की बात कही। यदि कोई आम आदमी होता है तो जैसा इंदौर में कल हुआ है पुलिस अधिकारी चांटा मार देता, एसडीएम लात मार देता और फिर उसके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा का मामला दर्ज करके जेल भेज दिया जाता लेकिन इस मामले में विरोध जताने वाला न्यायधीश था। अधिकारियों को घुटने टेकने पड़े। हाउसिंग बोर्ड उपायुक्त एसके सुमन ने तत्काल बाउंड्रीवॉल बनाने का काम शुरू करा दिया।
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