भोपाल। मध्य प्रदेश के इंजीनियरिंग व पॉलीटेक्निक संस्थानों में कार्यरत लगभग 2200 तकनीकी लेक्चरर्स व प्रोफेसर्स को आखिरकार सातवें वेतनमान का लाभ मिलने जा रहा है। यह लाभ उन्हें 2016 से मिलेगा। यानी तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा उन्हें साढ़े चार साल की एरियर राशि का भी भुगतान किया जाएगा।
सातवें वेतनमान का लाभ दिए जाने से तकनीकी लेक्चरर्स व प्रोफेसर्स के वेतन में पंद्रह से साठ हजार रुपये तक की वृद्धि होगी। प्रदेश के 69 पालीटेक्निक, सात इंजीनिरिंग कॉलेज और राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में कार्यरत करीब 2200 प्रोफेसर और लेक्चरर को सातवां वेतनमान मिल गया। तकनीकी लेक्चरर्स व प्रोफेसर्स पिछले कई महीनों से इसके लिए प्रयासरत थे।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) तकनीकी शिक्षकों के लिए सातवां वेतनमान लागू करने की सिफारिश दो वर्ष पहले कर चुका था, जिसमें सभी को एक जनवरी 2016 से सातवां वेतनमान दिया जाना है। अब तक यह प्रस्ताव अटका पड़ा था, जिसे लागू करने के आदेश जारी हो गए हैं। सभी लेक्चरर्स व प्रोफेसर्स को जुलाई में जून का वेतन सातवें वेतनमान से देने हेतु सभी पालीटेक्निक और कालेजों में कमेटियां गठित कर दी गई हैं। अब प्रोफेसर-लेक्चरर को हर माह सातवें वेतनमान के हिसाब से सैलरी के अलावा साढ़े चार साल का एरियर दिया जाएगा।
लेक्चरर/असिस्टेंट प्रोफेसर : 54,860 से बढ़कर 63,950 रुपये,
लेक्चरर सिलेक्शन ग्रेड ग्रेड 2/ एसोसिएट प्रोफेसर : 1,17,860 से बढ़कर 1,49,800 रुपये,
लेक्चरर सिलेक्शन ग्रेड ग्रेड 2/ एचओडी/प्राचार्य/प्रोफेसर : 1,20,400 से बढ़कर 1,64,400
इस बेसिक वेतन के साथ डीए अतिरिक्त दिया जाएगा।