जबलपुर। भारतीय सेना की जबलपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से रिटायर हुए आर्मरर पुरुषोत्तम लाल रजक की गिरफ्तारी के बाद इन्वेस्टिगेशन के दौरान बताया गया है कि पुरुषोत्तम लाल ने जबलपुर में एक लग्जरी बंगला बनाया था। इसी बंगले में नक्सलवादियों के लिए AK47 राइफल बनाई जाती थी। इन्वेस्टिगेशन टीम के सूत्रों का कहना है कि पुरुषोत्तम लाल का पूरा परिवार अवैध कारोबार में शामिल था।
इन्वेस्टिगेशन एजेंसी NIA की ओर से बताया गया है कि चार्जशीट दाखिल कर दी गई है।
पता चला है कि पुरुषोत्तम लाल और उसके परिवार के लोग कॉलोनी में किसी से बात नहीं करते थे।
उसका पहनावा और लाइफ स्टाइल काफी लग्जरी थी। जब गिरफ्तार हुआ तो उसके पैर में जो जूते थे उनकी कीमत ₹16000 है।
पुरुषोत्तम लाल रजक मूलत: रीवा के मनगवां थाना क्षेत्र के बैकुंठपुर का रहने वाला है।
2008 में जबलपुर स्थित सेंट्रल ऑर्डनेंस डिपो (सीओडी) से रिटायर हुआ था जहां भारतीय सेना के पुराने हथियार रखे होते हैं।
रिटायर होने के बाद उसने पंचशील नगर स्थित एक आलीशान बंगले को अवैध हथियार की फैक्ट्री बना दिया था। इस बंगले के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे।
नक्सलवादियों को मात्र ₹500000 में AK47 राइफल दी जाती थी।
पुरुषोत्तम लाल सेना द्वारा उपयोग किए जाने वाले हथियारों के स्क्रैप से नए हथियार बना देता था।
कहा जा रहा है कि AK47 जैसी राइफल बनाने में उसे मात्र 2 दिन का वक्त लगता था।
डिलीवरी के लिए वह किसी नेटवर्क का उपयोग नहीं करता था। खुद बिहार जाता था।
बिहार में हथियारों का जो तस्कर पकड़ा गया है, उसने अपने रिश्तेदार को सेना में भर्ती करवा दिया था। वही रिश्तेदार पुरुषोत्तम लाल जैसे लोगों के साथ दिल करता था।
जबलपुर रेलवे स्टेशन पर मेटल डिटेक्टर लगा है इसलिए पुरुषोत्तम लाल कटनी रेलवे स्टेशन से बिहार की ट्रेन में सवार होता था।