जबलपुर। जबलपुर में दवाई माफिया कितना सक्रिय है इसका अनुमान सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि सीरम इंस्टीट्यूट को 10,000 वैक्सीन का आर्डर एक ऐसे अस्पताल के नाम से प्लेस किया गया, जो जबलपुर में है ही नहीं।
कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने बताया कि मैक्स हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट जबलपुर के नाम से 10 हजार कोवीशील्ड वैक्सीन का आदेश सीरम इंस्टिट्यूट को भेजा गया। जबकि ऐसा कोई इंस्टिट्यूट या अस्पताल जबलपुर में है ही नहीं। गुप्ता ने सवाल उठाया कि इस मामले में सरकार चुप क्यों हैं। जबलपुर में दवा माफिया इतना पावरफुल क्यों है।
COVID के कारण ब्लैक फंगस और अब ब्लैक फंगस के इंजेक्शन भी रिएक्शन कर रहे हैं
यह कोई इत्तेफाक है या फिर दवा माफिया की साजिश। दूसरी लहर में वायरस के कारण कम दवाइयों के कारण ज्यादा लोगों की मौत क्या आरोप लग रहे हैं। कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए जिन दवाइयों का उपयोग किया गया उनके कारण ब्लैक फंगस हो गया और ब्लैक फंगस के इलाज के लिए जिस इंजेक्शन का उपयोग किया गया वह रिएक्शन कर रहा है। कुल मिलाकर यदि कोई व्यक्ति एक बार चंगुल में फस गया है तो उसे आसानी से मुक्ति नहीं मिल पा रही है।
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