अशिक्षित होने के कारण हमारे देश में बहुत से लोग अपराध करने लगते हैं। बहुत से अपराधी हमारे देश में आज भी ऐसे है जो अनपढ़ की श्रेणी में आते हैं। क्या कोई ऐसा अपराधी जो बल्वा, राजद्रोहात्मक बातें करता है, संदिग्ध व्यक्ति या आदतन अपराधी है जो अनपढ की श्रेणी में आता है तब क्या उसे मजिस्ट्रेट आदेश, जमानत बन्ध-पत्र पढ़कर सुनाएगा। जाने आज के लेख में।
दण्ड़ प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 111 की परिभाषा:-
बल्वा, अश्लीलता फैलाने वाला व्यक्ति, संदिग्ध व्यक्ति या आदतन अपराधी को कार्यपालक मजिस्ट्रेट इस धारा के अंतर्गत एक आदेश देगा जमानत बन्ध-पत्र के लिए। आदेश में सभी जानकारी संक्षिप्त रूप में लिखी जाएगी अर्थात कितनी रकम भरना है, कितना समय तक जमानत बन्ध-पत्र न्यायालय में जमा रहेगा, एवं कितने जमानतदार की आवश्यकता होगी आदि।
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 112 की परिभाषा:-
न्यायालय में उपस्थित वह व्यक्ति जिसे कार्यपालक मजिस्ट्रेट ने आदेश दिया था जमानत बन्ध-पत्र के लिए उसे न्यायालय का मजिस्ट्रेट आदेश को पढ़कर सुनाएगा इस धारा के अंतर्गत न्यायालय के अधिकारी का कर्तव्य होगा कि वह सम्पूर्ण सार को सरल भाषा में व्यक्ति को समझाए।