भारतवर्ष का शायद ही कोई ऐसा गांव है जहां हनुमान जी का मंदिर ना हो। प्रभु श्री राम की आज्ञा से हनुमान जी कलयुग में धर्म का निर्वाह करने वाले मनुष्यों का रक्षण करते हैं। लेकिन एक गांव ऐसा है जहां के लोग हनुमान जी से रूठे हुए हैं। वह हनुमान जी की पूजा नहीं करते। इसके पीछे की कथा बड़ी ही रोचक है:-
द्रोणागिरी गांव के लोग आज भी हनुमान जी से नाराज हैं
उत्तराखंड के चमोली जिले में एक गांव है, द्रोणागिरी गांव। यह गांव द्रोणागिरी पर्वत पर बसा हुआ है। इस गांव के लोग हनुमानजी से नाराज हैं। यहां रहने वाले लोग हनुमान जी से सिर्फ इसलिए नाराज नहीं हैं, क्योंकि हनुमानजी ने उनकी संजीवनी बूटी चुरा ली थी, बल्कि इसके और भी कई कारण हैं। ग्रामीणों के मुताबिक जिस वक्त हनुमानजी संजीवनी बूटी लेने आए थे, तब उनके पहाड़ देवता ध्यान मुद्रा में थे।
हनुमान जी ने द्रोणागिरी पर्वत देवता से अनुमति नहीं ली थी
सदियों से स्थानीय लोगों की यह भी मान्यता रही है कि उनके पहाड़ देवता गांव वालों को दिखाई देते रहे हैं। जब हनुमानजी बूटी लेने आए तो उन्होंने पहाड़ देवता से इसके लिए अनुमति भी नहीं ली और न ही उनकी ध्यान साधना पूरी होने का इंतजार किया। हनुमानजी ने पहाड़ देवता का ध्यान भंग कर दिया था।
आज भी पहाड़ देवता की दाईं भुजा से रक्त बहता है
इतना ही नहीं हनुमानजी ने पहाड़ देवता की दाईं भुजा भी उखाड़ डाली। द्रोणागिरी में मान्यता है कि आज भी पहाड़ देवता की दाईं भुजा से रक्त बह रहा है। यही वजह है कि यहां के लोग आज तक हनुमानजी से नाराज है और उनकी पूजा नहीं करते।