मुरैना। मध्य प्रदेश के जिला मुरैना के नगरा थाना क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई है। वन विभाग की टीम ने रेत से भरे ट्रैक्टर को रोकने के लिए फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में एक निर्दोष ग्रामीण की मौत हो गई। नगरा थाना पुलिस ने उस वन अमले में शामिल 9 वन आरक्षकों के खिलाफ मृतक की हत्या करने का मामला दर्ज कर लिया है। सभी के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बताया गया है कि वन विभाग का अमला रविवार सुबह करीब 5 बजे गश्ती पर निकला था। रास्ते में उसे चंबल के रेत से भरी ट्रैक्टर ट्राली मिली। अमले ने ट्रैक्टर ट्राली का पीछा किया। इस बीच ट्रैक्टर चालक को भागने का जब रास्ता नहीं दिखा, तो वह ट्रैक्टर को लेकर नगरा क्षेत्र के अमोलपुरा गांव में लेकर घुस गया। सुबह का वक्त था। गांव के लोग दिनचर्या में व्यस्त थे। वन अमले ने ट्रैक्टर को पकड़ने के लिए फायरिंग कर दी। ग्रामीणों का कहना है कि दो बार गोली चलाई गई। पहली गोली ट्रॉली के टायर में लगी और दूसरी गोली गांव के बाहर शौच के लिए जा रहे महावीर सिंह तोमर के लग गई। जिससे महावीर तोमर की मौत हो गई।
वन विभाग की टीम सरकारी वाहन छोड़कर भागी
निर्दोष ग्रामीण में गोली लगते ही वन विभाग की टीम घबरा गई। गांव के लोग फायरिंग करने वाले वन विभाग के कर्मचारियों की ओर दौड़े। खुद को बचाने के लिए वन विभाग के हथियारबंद कर्मचारी सरकारी वाहन छोड़कर भाग गए। महावीर सिंह तोमर के मरने के बाद आक्रोशित लोगों ने पोरसा से अटेर जाने वाली सड़क को रोक कर जाम लगा दिया। जाम के दौरान रास्ते से निकल रही एक ओमनी वैन पर भी पथराव कर दिया जिससे वैन के कांच टूट गए।
पहली गोली टारगेट पर लगी थी फिर भी दूसरी चला दी
मृतक महावीर के छोटे भाई गुरुवेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि फोरेस्ट विभाग के लोग गाड़ी लेकर ट्रैक्टर का पीछा कर रहे थे। गांव की तरफ जैसे ही ट्रैक्टर मुड़ा तो वन विभाग की टीम ने पहला फायर किया। ट्राली के टायर में गोली लगी। ट्राली खेत में फंस गई। इसके बाद विभाग की टीम ने दोबारा फायरिंग की जो मेरे बड़े भाई महावीर सिंह को लगी।
छीना झपटी में फायर हुआ, टारगेट फायरिंग नहीं की: DFO
मुरैना वन विभाग के डीएफओ अमित निकम अपनी टीम को बचाने की कोशिश करते नजर आए उन्होंने कहा कि वन अमला रोज की तरह गश्त करने गया था। रास्ते में उसे एक रेत से भरी ट्रैक्टर ट्राली मिली। ट्रेक्टर ट्राली का वन अमले ने रास्ता रोकना चाहा तो उसने ट्रैक्टर भगा दिया। वह भागकर अमोलपुरा गांव में घुस गया। वन अमले ने खेत में चालक को पकड़ लिया था। उसे व ट्रैक्टर ट्राली लेकर जाने लगे तो ग्रामीण आ गए और कार्रवाई में बाधा डालने लगे। ग्रामीणों को हमारे लोगों ने काफी समझाया लेकिन वह नहीं माने और उनके हथियार छीनने लगे। इसके बाद छीना झपटी में गोली चल गई। गोली चलने पर ग्रामीण अमले के सदस्यों को मारने दौड़े तो सभी सदस्य गाड़ी छोड़कर भाग आए।
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