भोपाल। Madhya Pradesh Board of Secondary Education के अधिकारियों ने कक्षा 12 हायर सेकेंडरी के रिजल्ट के लिए फार्मूला तैयार कर लिया है। इस मामले में मंत्री समूह से डिस्कशन भी हो गया है लेकिन इसे फाइनल नहीं किया जा रहा है। हमेशा की तरह इस मामले में भी मध्य प्रदेश केंद्र सरकार की तरफ देख रहा है। CBSE की घोषणा के बाद ही एमपी बोर्ड की घोषणा की जाएगी।
अधिकारी फार्मूले की फाइल लिए बैठे रहे, मंत्रियों ने मीटिंग ही नहीं बुलाई
पहले में दसवीं, ग्यारहवीं व बारहवीं के अंकों को आधार बनाकर रिजल्ट निकालने का फार्मूला तैयार किया गया था, लेकिन निजी स्कूल संचालकों ने उसे खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, हमारे पास पिछले साल की ग्यारहवीं कक्षा का रिजल्ट नहीं है। ऐसे में बारहवीं का रिजल्ट तैयार करने का फार्मूला बदला जाए। अधिकारियों की टीम नया फार्मूला तैयार कर मंगलवार को मंत्री समूह के सामने रखने वाली थी, जिस पर मंत्री समूह की मुहर लगना थी, लेकिन बैठक ही नहीं हो पाई।
यह फार्मूला हुआ फेल
विभाग के उच्च अधिकारियों ने दसवीं का 50 फीसद, ग्यारहवीं व बारहवीं की छमाही व वार्षिक परीक्षा के आधार पर 25-25 फीसद अंकों के आधार पर मूल्यांकन का फार्मूला तैयार कर लिया था। जिसे प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के विरोध के कारण मंत्री समूह ने निरस्त कर दिया है।
अब बना यह फार्मूला
अब दसवीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम व बारहवीं के रिवीजन और छमाही परीक्षा के आधार पर बारहवीं का फार्मूला तैयार होगा, लेकिन इस आधार पर भी मूल्यांकन करना मुश्किल होगा। दसवीं में छह विषय होते हैं और बारहवीं में 12 से 15 विषय। ऐसे में दसवीं के प्रत्येक विषय के किस विषय की मैपिंग कर उसके अंक को बारहवीं में जोड़ा जाए, इसका फार्मूला बनाया जा रहा है।
दसवीं के सभी विषयों का 12वीं के विषयों से मैपिंग कर 60 फीसद से अधिक अंक लिए जाएंगे और 20 फीसद बारहवीं के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट तैयार किए जाने की तैयारी है। आंतरिक मूल्यांकन के 20 फीसद अंक स्कूल वाले देंगे। इस फार्मूले को मंत्री समूह से अनुमति मिलने के बाद रिजल्ट तैयार करने पर विचार किया जाएगा।
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इनका कहना
मंगलवार को मंत्री समूह की बैठक नहीं हो पाई। निजी स्कूलों के विरोध के कारण अब ग्यारहवीं कक्षा के अंक शामिल नहीं किए जाएंगे, बल्कि दसवीं और बारहवीं के अंकों के आधार पर नया फार्मूला तैयार किया गया है। मंत्री समूह एक-दो दिन में नए फार्मूले पर विचार कर निर्णय ले लेगा।
इंदर सिंह परमार, स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री