भोपाल। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि महामारी ने वैश्विक स्तर पर आर्थिक और सामाजिक जन-जीवन को प्रभावित किया है। विश्वविद्यालयों के समक्ष आज चुनौती है कि शिक्षा पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को जितना संभव हो, उतना कम किया जाये। आगामी शिक्षण सत्र 2021-22 को ध्यान में रखते हुए आने वाली संभावित चुनौतियों का सामना करने की विस्तृत कार्य-योजना विश्वविद्यालयों को तैयार कर लेना चाहिए। राज्यपाल महोदय पंडित एस.एन. शुक्ला विश्वविद्यालय शहडोल का चतुर्थ स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रही थी।
उन्होंने कहा कि छात्रों की सफलता में छात्र-शिक्षक संबंध एवं परस्पर संवाद अत्यन्त महत्वपूर्ण कारक होता है। अतः आगामी शैक्षणिक सत्र में मिश्रित शिक्षा पद्धति द्वारा शिक्षण के विकल्पों पर विचार करना होगा। इसके लिए समस्त विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन शिक्षण तकनीक को निरंतर अद्यतन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस महामारी के कारण कुछ छात्र आर्थिक या पारिवारिक चुनौतियों का सामना कर रहे होगें, ऐसे छात्रों के लिए विश्वविद्यालयों को अधिक संवेदनशील होकर कार्य-योजना तैयार करनी चाहिए। प्रयास होना चाहिए कि आर्थिक संकट के कारण कोई भी छात्र शिक्षा प्राप्त करने से वंचित नहीं हो।
स्टूडेंट्स की काउंसलिंग के लिए हेल्पलाइन शुरु करें
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि छात्र कल्याण गतिविधियों को भी नई पहचान दी जाए। परीक्षा मूल्यांकन आदि से संबंधित जानकारियों और शिक्षकों के व्याख्यानों को वेबसाइट पर प्रदर्शित करने के साथ ही सेमिनार, विभिन्न शैक्षणिक अन्य गतिविधियों और कार्यक्रमों के बारे में भी ऑनलाइन जानकारी उपलब्ध कराई जाए। विद्यार्थियों की काउंसलिंग के लिए हेल्प लाइन भी शुरु की जानी चाहिए।