भोपाल। मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस बार की शिक्षक भर्ती में जीव विज्ञान के सह विषयों (माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी व बायोकेमिस्ट्री) को अमान्य कर देने के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। उम्मीदवारों का कहना है कि जो विषय पिछली भर्ती में मान्य थे वह इस भर्ती में अमान्य कैसे हो सकते हैं। 350 से ज्यादा चयनित शिक्षक लामबंद हो गए हैं।
मध्यप्रदेश में इन दिनों स्कूल शिक्षा विभाग के लिए उच्च माध्यमिक व माध्यमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के दौरान दस्तावेज सत्यापन का काम चल रहा है। सत्यापन के दौरान सत्यापन अधिकारियों द्वारा MPTET उत्तीर्ण उन विद्यार्थियों को नियुक्ति नहीं दी जा रही है जिन्होंने जीव विज्ञान के सह विषयों (माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी व बायोकेमिस्ट्री) में डिग्री हासिल की है। नाराज उम्मीदवारों ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के पास ईमेल भेज कर इच्छा मृत्यु की मांग की है। अभ्यर्थियों द्वारा 'बायो में नियुक्ति या जीवन से मुक्ति' अभियान चलाया जा रहा है।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया था लेकिन अधिकारियों ने रिजेक्ट कर दिया
स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार द्वारा विगत दिनों स्वीकारते हुए कहा गया था कि नोटिफिकेशन में कुछ चीजें छूट गई थी, इसलिए उन्हें जिलों में अपात्र किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा था कि कुछ गलती हुई है, जिसका निराकरण किया जा रहा है। लेकिन सत्यापन प्रक्रिया को संचालित करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रिजेक्ट कर दिया गया।
DPI के नवीन आदेश से 1500 चयनित शिक्षकों को नियुक्ति नहीं मिलेगी
इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा 10 जून को एक नया आदेश जारी किया गया है। इसमें चयनित श्रेणी में रखे गए अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की पुन: जांच की जाना है। इस आदेश में स्पष्ट लिखा है कि 'सह' विषय मान्य नहीं किया जाए। इस निर्णय से डेढ़ हजार से ज्यादा चयनित अभ्यर्थी प्रभावित हुए हैं।
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