भोपाल। जनजीवन सामान्य हो चला है और इसी के साथ शासन की सेवा करने वाले अस्थाई कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं के निदान के लिए सरकार से निवेदन करना शुरू कर दिया है। मध्य प्रदेश आशा उषा सहयोगिनी संगठन ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर नियमित मासिक मानदेय की मांग की है।
मप्र आशा उषा सहयोगिनी संगठन की अध्यक्ष विभा श्रीवास्तव का कहना है कि प्रदेश की आशा उषा सहयोगिनी को वर्ष 2006 में नियुक्ति किया गया था। बावजूद इसके उनको किसी भी प्रकार का नियमित मासिक मानदेय नही दिया जा रहा है। जबकि उनकी बदौलत मप्र में मातृ-ंमृत्यु, शिशु मृत्यु दर कम करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। संगठन ने सात मांगो पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी का ध्यान आकर्षित कराया है।
मप्र आशा उषा सहयोगिनी संगठन की मांग
1- आशा सहयोगी को 30 दिन का पूरा भुगतान प्रदान किया जाये।
2- आशा सहयोगी को पेट्रोल भत्ता बढाया जाये क्योकि उनके पास 15-16 गांव की जिम्मेदारी रहती है
3- आशा एवं सहयोगी कर्मचारी को शासकीय कर्मचारी मान्य किया जाये।
4- आशा कार्यकर्ताओँ को प्रत्येक गांव में आरोग्य केन्द्र पृथ्क किया जाये.
5- आशा कार्यकर्ता 9 माह तक गर्भवती माता का ध्यान रखकर उनकी डिलेवरी कराती है इसलिए उसका पारितोषिक 600 के स्थान पर 1200 रुपये किया जाये।
6- आशा सहयोगी को 15,000 एवं आशा कार्यकर्ता को 10,000 प्रतिमाह फिक्स मानदेय दिया जाये
7- शहरी आशा एवं ग्रामीण आशा कार्यकर्ताओं को समान वेतन दिया जाये।