भोपाल। मध्य प्रदेश के चंबल संभाग के भिंड जिले में जमीन के फटने की खबर आ रही है। पावई थाना क्षेत्र में ईंगरी व बगलुरी गांव में जमीन में लगभग 2 फुट गहरी कई दरारें नजर आ रही हैं। लोगों को नहीं मालूम कि यह दरारें क्यों और कैसे बनी परंतु वह भयभीत हैं। कहीं कोई प्राकृतिक आपदा तो नहीं आने वाली। भिंड के कलेक्टर कार्यालय ने इस मामले में विशेषज्ञों से विस्तृत जानकारी मांगी है।
2 साल में दूसरी बार जमीन में दरार नजर आई
पिछले दो साल में ईंगरी व बगलुरी गांव के खेतों में यह घटना दूसरी बार हुई है। इस बार यह घटना तीन दिन पहले ईंगरी गांव के सरकारी स्कूल के पास हुई है। यहां खेतों में 200 मीटर लंबी और डेढ़ से दो फीट की चौड़ाई में दरार पड़ गई है। इसी तरह से बगलुरी गांव के मौजे में घटना हुई है, जो इस स्थान से करीब एक किलोमीटर दूरी है। इस स्थान से करीब डेढ़ किलोमीटर दूरी पर क्वारी नदी का बीहड़ है।
बच्चों और जानवरों को लेकर स्थानीय लोग सतर्क
इस घटना के बाद गांव के लोग तरह सतर्कता बरत रहे हैं। भू-स्खलन से होने वाली दरार गहरी है। स्थानीय लाेग इस ओर अपने जानवरों और बच्चों को नहीं जाने दे रहे हैं। उन्हें डर है कि इस दरार में जानवर के पैर फंसने पर हादसे के शिकार हो जाएंगे। इसी तरह बच्चे गिरने का भय बना हुआ है।
जलस्तर गिरने से जमीन के अंदर हलचल होती है: सूर्यनारायण महापात्रा
जीवाजी विश्वविद्यालय के भू-गर्भ शास्त्र अध्ययन शाला के विभागाध्यक्ष सूर्यनारायण महापात्रा का कहना है कि, जब जमीन का जलस्तर गिरता है, तब भू-गर्भीय हलचल होती है। आस-पास कोई नदी हाेती है, तो वो जमीन के अंदर का जल खींच लेती है। यह भू-गर्भीय घटना की वजह से जमीन में दरार आती है। प्राथमिक तौर पर यह घटना इसी तरह की है। बाकी स्थान का निरीक्षण के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
भू-गर्भ वैज्ञानिकों से राय मांगी है: कलेक्टर
कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस. ने बताया कि घटना की जानकारी मिली है। घबराने की जरूरत नहीं है। मामले में भू-गर्भ विशेषज्ञों से बातचीत कर राय मांगी है। एक्सपर्ट द्वारा इस बारे में जल्द बताया जाएगा।
प्राकृतिक आपदा की कल्पना से भयभीत हैं लोग
ईंगरी निवासी अरविंद सिंह भदौरिया के मुताबिक, इस घटना के बाद आस-पास के लोग दहशत में हैं। लोग अपने बच्चों को खेतों पर नहीं जाने दे रहे हैं। इसे लोग दैवीय प्रकोप से जोड़कर देख रहे हैं। गांव के लोगों के मुताबिक, जब देवताओं का प्रकोप होता है, तब धरती फटती है। यह घटना को लोग घटना को अशुभ मान रहे हैं।
ईंगरी और बगलुरी गांव व आसपास का भू-जलस्तर 230 से 250 फीट गहरा है। यहां हर साल पांच से दस फीट जल स्तर गिर रहा है। अब तक दो से तीन बार ही यहां बारिश हुई है। बीते 20 जून को आखिरी बार बारिश हुई थी। विशेषज्ञों के मुताबिक, भू-जल स्तर गिरने का कारण जमीन का कंक्रीटीकरण, पेड़ों का कटना, घरों का पानी बहकर निकल जाना, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर काम न होना है। वहीं, मौसम विषेशज्ञों के मुताबिक, जिले में इस मानसून में औसत बारिश होने की बात कही जा रही है।
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