भोपाल। मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी एवं झाबुआ जिले में एसडीएम के पद पर तैनात विशा माधवानी के खिलाफ बुरहानपुर में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि उन्होंने बैंक मैनेजर, अपने क्लर्क सहित 8 अन्य लोगों के साथ मिलकर 42.11 लाखों रुपए का घोटाला किया है। हितग्राहियों के नाम से फर्जी बैंक अकाउंट खोले गए और मुआवजे की रकम ट्रांसफर करके निकाली गई।
विशा माधवानी पर भ्रष्टाचार का आरोप
इस प्रकरण के विशेष ब्लोअर डॉक्टर आनंद दीक्षित (अध्यक्ष, बुरहानपुर प्रेस क्लब) ने बताया कि 2018-2019 में बोरबन तालाब निर्माण में 15 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। इसमें आधी राशि निर्माण और आधी राशि मुआवजे पर खर्च की गई। डॉ दीक्षित ने आरोप लगाया कि रामेश्वर कल्लू की 15 एकड़ जमीन शामिल थी, जिसे मुआवजे की राशि मिलना थी, लेकिन अफसरों व बैंक कर्मियों ने मिलकर हितग्राही के नाम का फर्जी खाता जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित खंडवा की शाखा तुकईथड में खुलवाया और 42 लाख रुपए निकाल लिए।
राप्रसे विशा माधवानी के खिलाफ FIR प्राथमिक जांच के बाद दर्ज की गई
शिकायत प्राप्त होने पर बुरहानपुर कलेक्टर ने एडीएम श्री शैलेंद्र सिंह सोलंकी को इस मामले की इन्वेस्टिगेशन सौंपी थी। अपनी इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट में एडीएम सोलंकी ने राज्य प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी एवं तत्कालीन एसडीएम विशा माधवानी समेत उनके क्लर्क पंकज पाटे, बैंक मैनेजर अशोक नागनपुरे, बैंककर्मी अनिल पाटीदार, होमगार्ड जवान सचिन वर्मा समेत इम्तियाज खान, संजय मावश्कर, फिराज खान आदि को दोषी पाया। नेपानगर पुलिस ने सभी 9 लोगों पर धोखाधड़ी समेत शासकीय राशि का गबन और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं केस दर्ज किया है।
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