भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि कोरोनावायरस के संक्रमण से यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु होती है तो उसके परिवार को ₹500000 का मुआवजा दिया जाएगा ताकि दुख की घड़ी में परिवार का जीवन यापन बाधित ना हो। इस योजना में प्रशासनिक अधिकारियों ने एक फसाना शुरू कर दिया है। यदि कर्मचारी पर डिपार्टमेंट का कोई बकाया है तो मुआवजे की राशि से काट लिया जाएगा।
अधिकारियों ने कोरोनावायरस के कारण अकाल मृत्यु का शिकार हुए कर्मचारियों के खातों की जांच करना शुरू कर दिया है। इसके तहत संबंधित मृत कर्मचारी के पीएफ, बकाया राशि सहित अन्य बिंदुओं पर छानबीन चल रही है। यह इसलिए किया जा रहा है ताकि यदि कर्मचारी ने अपने सेवाकाल में सरकार से किसी प्रकार की मदद ली है यानी कर्मचारी की कोई देनदारी है तो मुआवजे की रकम में से बकाया राशि की वसूली करने के बाद बची हुई रकम परिवार को दी जाएगी।
मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना
मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना उन लोगों के लिए है, जिनके परिवार में किसी सरकारी कर्मचारी की कोरोना से मौत हुई है। इसमें कोरोना से मौत की जांच को लेकर जो पेचीदा प्रक्रिया है वो तो है ही, लेकिन उसके शासकीय सेवा में रहने के दौरान किसी प्रकार का बकाया तो नहीं है और उसके परिवार की वित्तीय स्थिति कैसी है, इन सभी बिंदुओं के पड़ताल के बाद अगर बकाया है तो राशि काटकर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री कोविड अनुकंपा योजना के लिए भी जांच पड़ताल
ऐसे ही दूसरी मुख्यमंत्री कोविड अनुकंपा योजना है। इसके तहत सरकारी कर्मचारी की अगर क्लर्क या संविदा के पद पर रहते हुए मौत हुई है तो उसी पद पर परिवार के किसी व्यक्ति को अनुकंपा दी जाएगी। इसमें उम्र, शिक्षा आदि को लेकर जो मापदंड हैं उन्हें भी देखा जा रहा है। ऐसे ही कोरोना योद्धा योजना में 10 लाख रु. की राशि का प्रावधान है।
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