भोपाल। कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने रूट चेंज कर लिया है। वह खंडवा लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तैयारी कर रहे हैं। श्री यादव खंडवा से स्वाभाविक प्रथम दावेदार हैं परंतु फिर भी उन्होंने एक बयान देकर अपनी स्पष्ट दावेदारी प्रस्तुत कर दी है।
भोपाल में पत्रकार श्री शुभम गुप्ता से बात करते हुए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा कि 'मैं पार्टी का एक छोटा कार्यकर्ता हूँ, अगर आलाकमान खण्डवा लोकसभा उपचुनाव में लड़ाने का फ़ैसला लेगा तो चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हूँ।' उन्होंने न केवल बयान दिया बल्कि अपने बयान को अपने ऑफिशियल हैंडल से जारी भी किया। कुल मिलाकर अरुण यादव ने दावेदारी पेश कर दी है।
कमलनाथ ने अरुण यादव कुर्सी खींच ली थी
सबको याद होगा कि 2018 में कमलनाथ ने अचानक अरुण यादव की कुर्सी खींच ली थी। अरुण यादव प्रदेश अध्यक्ष के पद पर थे और मीडिया में खबरें चलने लगी जी कि अरुण यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया जा सकता है। उन्होंने सीधे हाईकमान से चर्चा की थी। उन्हें आश्वस्त किया गया था कि उनका पद सुरक्षित है। चर्चा के बाद उन्होंने मीडिया में बयान दिया और इस घटनाक्रम के बाद अचानक कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर दिया गया।
अरुण यादव, कमलनाथ पर हमलावर हो गए थे
बिना बातचीत और सहमति के अचानक प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाए जाने पर अरुण यादव हमेशा नाराज नजर आए। उन्हें मनाने की कोशिश की गई परंतु नाराजगी बनी रही। मार्च 2021 में जब कमलनाथ ने ग्वालियर के हिंदू महासभा के नेता बाबूराम चौरसिया को कांग्रेस पार्टी में शामिल किया तो अरुण यादव ने कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उनका कहना था कि नाथूराम गोडसे के भक्तों के लिए कांग्रेस पार्टी में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। कांग्रेस किसी एक व्यक्ति की पार्टी नहीं है। लेकिन भाजपा नेता एवं सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद अरुण यादव के तेवर नरम पड़ गए हैं।
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