सुनीता दुबे। वर्षा ऋतु के आगमन के साथ मच्छर जनित रोग मलेरिया की भी संभावनाएँ होने लगी हैं। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा एडवाइजरी जारी कर लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है। मलेरिया परजीवी का संक्रमण संक्रमित मादा एनाफिलीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर रुके हुए पानी में पैदा होता है, अत: घर के आस-पास कहीं भी खुले स्थान पर पानी एकत्रित न होने दें।
प्रदेशवासियों से कहा गया है कि हर सप्ताह कूलर, पानी की टंकी आदि को खाली कर सफाई करें। ऐसे स्थान जहाँ पानी की निकासी संभव न हो और अनावश्यक जल भराव हो वहाँ केरोसिन या जला हुआ तेल डालें। मच्छरदानी लगाकर सोएं। खिडकियों और दरवाजों पर मच्छरों को रोकने के लिये जाली लगायें। पूरी बाँह के कपड़े पहनें।
मलेरिया के लक्षणों में ठंड लगकर तेज बुखार आना, पसीना आकर बुखार उतर जाना, रुक-रुक कर बुखार आना, सिर दर्द और उल्टी होना तथा बैचेनी, कमजोरी, सुस्ती महसूस होना शामिल है। मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल शासकीय स्वास्थ्य संस्था अथवा आशा कार्यकर्ता से संपर्क कर खून की जाँच करायें।
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