भोपाल। अतिथि शिक्षकों को दी जा रही प्राथमिकता के खिलाफ मध्य प्रदेश की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कराने के लिए हाई कोर्ट में याचिका की तैयारी की जा रही है। आपत्ति करने वालों का तर्क है कि अतिथि शिक्षकों को प्राथमिकता के नियम और नीतियां बार-बार बदले गए। दस्तावेज सत्यापन के दौरान जिस नीति का पालन किया जा रहा है उसमें विसंगति है।
सतीश कुमार ने बताया कि अतिथि शिक्षकों ने नौकरी के साथ नियमित डिग्री प्राप्त करना बताया है। यह कैसे संभव हो सकता है कि एक व्यक्ति एक समय पर दो स्थानों पर हो। लोक शिक्षण संचालनालय ने इस संदर्भ में अपनी गाइडलाइन में एक से अधिक बात परिवर्तन किए और अंत में जाकर कमिश्नर जयश्री कियावत ने अपने ही पुराने आदेश को पलट दिया।
बताया गया है कि हाईकोर्ट में दाखिल करने के लिए याचिका तैयार कर ली गई है। याचिका का प्रारूप उन सभी उम्मीदवारों के पास भेजा गया है जो अतिथि शिक्षकों को दी गई प्राथमिकता का विरोध कर रहे हैं। इस तरह के नाराज उम्मीदवार एक समूह बना रहे हैं जिसकी तरफ से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी।
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