मध्यप्रदेश में जूनियर डॉक्टर फिर हड़ताल पर लौटे, पहले कहा था मरीजों की चिंता है - MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। मध्य प्रदेश में मेडिकल स्टूडेंट्स यानी जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ अरविंद मीणा ने एक वीडियो जारी करके कहा था कि उन्हें मरीजों की चिंता है। वह हड़ताल खत्म करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री या चिकित्सा शिक्षा मंत्री उन्हें मिलने के लिए समय दें ताकि हड़ताल खत्म की जा सके। मंत्री विश्वास सारंग ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया लेकिन मुलाकात के बाद जूनियर डॉक्टर फिर से भड़क गए और मरीजों की चिंता छोड़ हड़ताल पर चले गए। 

मंत्री से मिलने के बाद हड़ताल जारी रखने का ऐलान

मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग से मिलने के बाद मध्यप्रदेश जूडा अध्यक्ष डॉक्टर अरविंद मीणा ने कहा, हम मंत्री जी से मिलने खुद आए थे। हम हड़ताल खत्म करना चाहते है, लेकिन मंत्री जी ने हमारी मांगों को लेकर न तो कोई आदेश दिया न कोई मीडिया के सामने कोई आश्वासन दिया। हमारी हड़ताल आगे भी जारी रहेगी।

हाईकोर्ट में जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ अवमानना की याचिका दाखिल

जबलपुर हाई कोर्ट में जूडा के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई है। इसमें कहा कहा है कि कोर्ट ने हड़ताल अवैध घोषित कर दी थी, इसके बाद भी डॉक्टर वापस काम पर नहीं लौटे हैं। इस बीच गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में जूनियर डॉक्टरों ने सरकार को कोरोना वारियर्स का सम्मान वापस लौटाने का प्रदर्शन किया। 

सरकार मांगे मान चुकी है, निर्णय लिया जा चुका है: चिकित्सा शिक्षा मंत्री

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि जूडा से हमने लगातार बातचीत की है। हमारी सरकार संवाद स्थापित करने वाली है। जूनियर डॉक्टरों का स्टाॅयपेंड 3 साल से नहीं बढ़ा था। हमने एक साथ बढ़ाने का निर्णय लिया है। हर साल 6 प्रतिशत का इजाफा किया है। डॉक्टरों की मांग थी कि कोरोना के समय उनका निशुल्क इलाज हो। हमने परिवार को निशुल्क इलाज देने का बोला। सरकार ने दरियादिली दिखाते हुए मांगों को माना है। सुरक्षा के लिए हर जगह पुलिस चौकी की स्थापना करने के लिए कहा दिया। जूडा को हाई कोर्ट के निर्देश अनुसार हड़ताल वापस लेना चाहिए। मरीजों का हित हम सभी के लिए सर्वोपरि है। 

जूनियर डॉक्टरों ने तीन नई मांगे जोड़ दीं

1- 31 मई के बाद इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों पर की गई कार्रवाई को वापस लिया जाए। 
2- 2018 के जूडा डॉक्टर, जिनका 3 साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है उनको एसआर (सीनियर रेजीडेंट) माना जाए। 
3- सरकार ने 17% स्टाइपेंड बढ़ाने पर सहमति दी है, जूडा 24% बढ़ाने की मांग की थी। अब जूडा ने 17% के साथ बढ़ाने के साथ प्रतिमाह 3 या 4 चार हजार रुपये बढ़ाने की मांग की है।

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