भोपाल। जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा था मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में जीव विज्ञान के विषय माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त उम्मीदवारों को अमान्य करने के कारण विवाद बढ़ता जा रहा है। मध्यप्रदेश में अब तक 780 उम्मीदवारों को अमान्य कर दिया गया है। उम्मीदवारों का कहना था कि उनकी डिग्रियां इसी मध्यप्रदेश में 2011 तक मान्य थी। इस बार की भर्ती में अमान्य घोषित की जा रही है।
MPTET- 60% उम्मीदवार बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमेस्ट्री के
वर्ष 2018 में करीब 30 हजार पदों के लिए शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। फरवरी-मार्च 2019 में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया। वर्ग-1 और वर्ग-2 में करीब पांच लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। इसमें करीब ढाई लाख अभ्यर्थी पास भी हुए, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सिर्फ 20672 पद ही स्वीकृत किए गए। जानकारी के मुताबिक भर्ती में बायोलॉजी में 1699 पद स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 1239 अभ्यर्थियों के नाम चयन सूची में है और शेष 460 प्रतीक्षा सूची में हैं। इसमें से करीब 60 फीसद अभ्यर्थी बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमेस्ट्री के हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग ने 2011 तक इन डिग्रियों को मान्यता दी है
अभ्यर्थियों का कहना है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्ष 2005, 2008 और 2011 में शिक्षक भर्ती में बायोकेमेस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी विषयों के उम्मीदवारों को शिक्षक के तौर पर नियुक्ति दी गई थी। उन्हें संविदा शिक्षक के तौर पर भर्ती किया था, जिनका वर्ष 2018 में संविलियन कर लिया गया।
राजपत्र और PEB गाइड लाइन में कहीं अपात्र नहीं बताया
अभ्यर्थियों का कहना है कि अगस्त 2018 में राजपत्र में जारी दिशा-निर्देश में यह उल्लेखित नहीं किया गया था कि माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी और बायोकेमेस्ट्री विषयों के अभ्यर्थियों को आगे की भर्ती में अपात्र माना जाएगा। साथ ही पीईबी द्वारा जारी दिशा-निर्देश में भी इस बात का उल्लेख नहीं था कि बायोलॉजी के सह विषय से स्नाकोत्तर पास अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल होने के लिए पात्र नहीं होंगे।