भोपाल। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा मध्य प्रदेश शासन के शिक्षा विभाग के लिए सन 2018 में आयोजित कराई गई शिक्षक पात्रता परीक्षा का दस्तावेज सत्यापन 2021 में हो रहा है। बड़ी संख्या में उम्मीदवार नियुक्ति आदेश के लिए लाइन में लगे हैं लेकिन इस दौरान कई विवाद भी सामने आ रहे हैं। आश्चर्यजनक बात यह है कि इस तरह के विवादों के निपटारे के लिए लोक शिक्षण संचालनालय में कोई प्रभारी अधिकारी नहीं है। यानी इस प्रकार के सभी मामले सीधे हाईकोर्ट जाएंगे।
कमिश्नर को हेल्पडेस्क बनानी चाहिए थी, तुरंत निराकरण जरूरी है
पात्रता परीक्षा पास चयनित शिक्षकों का कहना है कि दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आ रही है। बड़ी संख्या में चयनित अभ्यार्थियों में से किसी के दस्तावेज रिजेक्ट कर दिए गए तो कुछ लोगों को होल्ड पर रख दिया गया है। ऐसी स्थिति में सभी उम्मीदवार न्याय की प्रत्याशा में लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल आ रहे हैं लेकिन यहां उनकी बात सुनने के लिए कोई अधिकारी उपलब्ध नहीं है। कमिश्नर के पास इतना समय नहीं होता कि वह एक-एक प्रकरण देख सके। परंतु इतना समय होता है कि वह विवादों की सुनवाई और तुरंत निपटारे के लिए एक योग्य अधिकारी को नियुक्त कर सके।
पूरे प्रदेश में सत्यापन अधिकारी मनमानी कर रहे हैं
अभ्यर्थियों का कहना है दस्तावेज सत्यापन में बड़ी संख्या में चयनित अभ्यर्थियों को एक साथ दो कोर्स का हवाला देकर किसी को होल्ड तो किसी को रिजेक्ट कर दिया है। ऐसे में दो साल से नौकरी की आस लगाए बैठे अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है। खास बात यह है कि इस तरह की लापरवाही प्रदेश के लगभग सभी जिलों में की जा रही है। जिससे प्रदेश के सभी जिलों से ऐसे चयनित अभ्यार्थी लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल पहुंच रहे हैं। जबकि यहां कोई जिम्मेदार अधिकारी बात करने को भी तैयार नहीं है।
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