यदि आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो सावधान हो जाएं। जालसाज होने आपको अपना शिकार बनाने के लिए नए प्लान का यूज करना शुरू कर दिया है। साइबर फ्रॉड करने वाले अपराधी ना केवल ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान ठगी करते हैं बल्कि सहायता के नाम पर आपका बैंक अकाउंट भी खाली कर देते हैं।
साइबर सेल इंदौर के एसपी जितेन सिंह ने बताया कि इस तरह की ठगी के कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अब तक 350 ज्यादा शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। ज्यादातर मामलों में आरोपियों को पता करना काफी मुश्किल होता है। उन्होंने बताया कि साइबरशॉट करने वाले लोग अब वेबसाइट और मोबाइल एप्लीकेशन की क्लोनिंग कर रहे हैं। यानी आप जिस वेबसाइट से ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, सर्च इंजन या सोशल मीडिया के माध्यम से उसी वेबसाइट के बारे में आपके पास लुभावना डिस्काउंट ऑफर पहुंचता है।
महंगाई के जमाने में सस्ता सामान खरीदना हर व्यक्ति पसंद करता है। क्लोन की गई वेबसाइट बिल्कुल असली वेबसाइट जैसी होती है। URL को छोड़कर सब कुछ हूबहू होता है। लोग सस्ता सामान देखकर लालच में आ जाते हैं और यूआरएल की तरफ ध्यान ही नहीं देते। यूआरएल भी काफी मिलता-जुलता होता है। स्पेलिंग में कोई एक अक्षर का अंतर होता है। ऐसी साइट पर शर्त होती है कि यदि आप सस्ता सामान खरीदेंगे तो आपको एडवांस पेमेंट करना होगा। लोग फटाफट एडवांस पेमेंट कर देते हैं।
- एडवांस पेमेंट करने के कारण उनकी कार्ड की डिटेल अपराधियों तक पहुंच जाती है।
- जब पार्सल की डिलीवरी नहीं होती तो ग्राहक वापस उसी वेब पेज पर जाता है।
- वेब पेज पर उसे कस्टमर केयर हेल्पलाइन नंबर दिखाई देता है।
- ग्राहक बिना सोचे कस्टमर केयर हेल्पलाइन पर फोन लगा देता है।
- अपराधी बड़ी चतुराई के साथ एनीडेस्क मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करवा कर ग्राहक का पूरा बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं।
- यानी सस्ते सामान का लालच देकर लोगों के साथ डबल ठगी की जा रही है।
- जरूरी है कि सावधान रहें और किसी भी डिस्काउंट ऑफर का लाभ उठाने से पहले अपने स्तर पर उसे वेरीफाई जरूर कर लें।