नई दिल्ली। एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने आज स्कूलों को नियमित रूप से खोलने का समर्थन करते हुए कहा कि बच्चों को कोरोनावायरस का खतरा ज्यादा नहीं होता और फिर जल्द ही बच्चों के लिए वैक्सीन भी आने वाली है लेकिन नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल का कहना है कि स्कूल खोलने का फैसला काफी जोखिम भरा कदम होगा।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल पीआईबी दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में कोविड-19 पर आयोजित केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित कर रहे थे। प्रतिबंधों में ढिलाई करने और स्कूलों को फिर से खोलने के बारे में बताते हुए डॉ पॉल ने कहा कि इस फैसले को सावधानी से लेना होगा और हमें तभी जोखिम उठाना चाहिए जब हम सुरक्षित हों। "स्कूल एक भीड़, एक माध्यम या एक बड़ी सभा हैं, जो वायरस को संक्रमित करने के लिए अवसर देते हैं।
इसलिए हमें यह जोखिम तभी उठाना चाहिए जब हम अच्छे से सुरक्षित हों, वायरस को दबाया जाए और हम दूरी बनाए रखते हुए बैठ पाएं। किंतु जब अप्रत्याशित स्थिति आने की संभावना बनी हो तो स्कूल खोलने का फैसला लेना आसान नहीं है।" उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कई राज्यों में अनुशासन और प्रतिबंधों के कारण वर्तमान में वायरस दबा हुआ है, अगर हम प्रतिबंधों को कम करते हैं और स्कूल खोलते हैं, तो वायरस को संक्रमण फैलाने के अवसर मिलते हैं।
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