SDM कौन सी दशाओं में व्यक्ति से पहले प्रतिभूति बंधपत्र ले सकता है - LEARN CrPC SECTION 107

Bhopal Samachar
दण्ड़ प्रक्रिया संहिता की धारा 106 ऐसे अपराधी को न्यायालय द्वारा सजा सुनते वक़्त प्रतिभूति ले सकता है जिसने वर्गों के बीच शत्रुता उत्पन्न करने, राष्ट्रीय की एकता को प्रतिकूल प्रभाव होने आदि का आप किया था। ऐसे में लोक शांति बनाए रखने के लिए न्यायालय आदेश दे सकता है। आज की धारा 107 किसी व्यक्ति के कारण लोक शांति भंग होने वाली है, ऐसे व्यक्ति से पहले हो जमानत बन्ध-पत्र लेने का अधिकार शक्ति किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट अर्थात- तहसीलदार, SDM, DM (कलेक्टर) को देती है।

दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 107 की परिभाषा:-

जब किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट को सूचना मिलती हैं कि कोई व्यक्ति शांति भंग करेगा, लोक शान्ति में विध्न डालेगा या कोई भी ऐसा कार्य करेगा लोकशान्ति भंग होगी। तब कार्यपालक मजिस्ट्रेट ऐसे व्यक्ति को आदेश करेगा कि वह एक जमानत बन्ध-पत्र गवाह सहित या गवाह रहित जो एक वर्ष से अधिक का नहीं होगा न्यायालय पेश करेगा कि वह किसी भी प्रकार से लोक शांति में बाधा उत्पन्न नहीं करेगा।

2. ऐसा व्यक्ति किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट की अधिकारिता सीमा के अंदर होना चाहिए एवं ऐसे व्यक्ति का निवास भी उसी क्षेत्राधिकार में होना आवश्यक है चाहे वह अस्थायी क्यों न हो।

नोट:- कार्यपालक मजिस्ट्रेट ऐसे मामले को पुलिस की रिपोर्ट या किसी निजी व्यक्ति की शिकायत पर संज्ञान करेगा एवं धारा 107 के अधीन जाँच तब तक प्रारंभ नहीं की जा सकती तब तक कि जिस व्यक्ति को हाजिर करना है उपस्थित नहीं होता या न्यायालय के समक्ष नहीं लाया जाता है। बिना विश्वसनीय सूचना के मजिस्ट्रेट इस धारा के अधीन कार्यवाही नही कर सकता है चाहे उस व्यक्ति का चरित्र गलत हो और सुंदर समाज के लिए कितना भी अनैतिक या निन्द्य क्यों न हो। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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