जब से लोग केलेंडर पर आश्रित हुए हैं और कुछ विद्वान जो पंचांग का अध्ययन नहीं, केवल वाचन करते हैं, के कारण त्यौहारों की तिथियों को लेकर काफी विरोधाभासी मत सामने आ जाते हैं। इंटरनेट के कारण भी कंफ्यूजन होता है। क्योंकि पूर्वी भारत में बैठा विद्वान अपने स्थानीय सूर्योदय के हिसाब से मागदर्शन करता है और पश्चिमी भारत में वही मार्गदर्शन गलत साबित हो जाता है। गुरु पूर्णिमा के मामले में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है।
गुरु पूर्णिमा 2021 की कब है
ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी का कहना है कि राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिणी राज्यों में गुरु पूर्णिमा अथवा व्यास पूर्णिमा 23 जुलाई को ही करनी चाहिए, क्योंकि 24 जुलाई को सूर्य उदय के बाद पूर्णिमा का मुहूर्त दो घंटे 24 मिनट से कम समय का है। इस कारण इसे उदयातिथि कहना उचित नहीं होगा। यदि पूर्णिमा सुबह आठ बजकर सात मिनट के बजाय 8:14 तक होती तो 24 जुलाई ही उदयातिथि मानी जाती।
मध्य प्रदेश में उदय तिथि में 24 जुलाई को मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा
इंटरनेट पर गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई की प्रदर्शित हो रही है। 24 जुलाई को दिन शनिवार है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और प्रीति योग भी रहेगा। इसलिए मध्यप्रदेश में विद्वानों ने सुनिश्चित किया है कि गुरु पूर्णिमा का पादुका पूजन एवं सत्यनारायण भगवान का पूर्णिमा व्रत भी 24 जुलाई दिन शनिवार को ही होगा।
पूर्णिमा तिथि कब से कब तक
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ 23 जुलाई, शुक्रवार सुबह 10:44 पर
पूर्णिमा तिथि समापन 24 जुलाई, शनिवार सुबह 8:07 पर
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