प्रति, श्री मंगुभाई छ. पटेल, राज्यपाल महोदय, सीएम के आदेश के बाद भी पे-फिक्सेशन से कम वेतन मिलने की गड़बड़ी सुधरकर 74-75 के सेवानिवृत 3000 व्याख्याताओं को वर्ष 2017 से मिले द्वितीय समयमान वेतनमान का भुगतान वर्ष 2021 मैं भी नहीं होना, कितना दुखद एवं हास्यास्पद है?
प्रदेश भर के रिटायर्ड व्याख्याता इस बढ़ती महंगाइ एवं कोरोना महामारी से एक और खासे परेशान हैं ही, उसपर मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद उन्हें वर्ष 2017 से मिले द्वितीय समयमान वेतनमान का भुगतान, लाभ के साथ नहीं किया गया है। इतना ही नहीं उनके द्वितीय समयमान वेतनमान में पे-फिक्सेशन से कम वेतन मिलने की गड़बड़ी को 05 वर्ष की समयावधि मैं भी दूर नहीं किया जाना अत्यंत दुखद एवं शर्मनाक है।
मुख्यमंत्री कार्यालय, वल्लभ भवन, भोपाल से प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा को जारी पत्र क्र0/29094/सीएमएस/पीयूबी/2019 दि0-11-12-2019 के तारतम्य मैं लोक शिक्षण संचानालय, म0प्र0 के पत्र क्र0/स्था0-2/एम/86/2019/586 दि0-05/08/2020 द्वारा समस्त संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण, म0प्र0 से व्याख्याता संवर्ग पद को मिले। द्वितीय समयमान वेतनमान रु 15600-39100 के पे-फिक्सेशन से वेतन बढ़ने के बजाय कम होने की स्थिति में इस गड़बड़ी के तत्काल सुधार हेतु प्रस्ताव मांगा गया था जो ग्यारह माह बाद भी समस्त संभागीय संयुक्त संचालक,लोक शिक्षण से आयुक्त,लोक शिक्षण,म0प्र0,भोपाल को अप्राप्त है।
इसलिए प्रकरण आज दिनांक तक म0प्र0 शासन में मंत्री मण्डल की केबिनेट-मीटिंग में प्रस्तुत नहीं किया जा सका है और तत्संबंधी संशोधित आदेश जारी नहीं हो सका है, जिससे वर्ष 74-75 के सेवानिवृत्त, तीन हजार सीनियर स्कूली व्याख्याताओं को वर्ष 2017 से मिले द्वितीय समयमान वेतनमान रु 15600-39100 का पे-फिक्सेशन से कम वेतन मिलने की गड़बड़ी के कारण, वर्ष 2021 में भी भुगतान-लाभ प्राप्त नहीं है, जबकि वर्ष 94-95 के हजारों जूनियर व्याख्याताओं को उक्त समान वेतनमान रु 15600-39100 मैं पे-फिक्सेशन से बढ़े हुए वेतन का भुगतान-लाभ कई वर्ष पहले से मिल रहा है। 05 वर्ष बाद भी पे-फिक्सेशन की गड़बड़ी नहीं सुधरने से 74-75 के 3000 सीनियर व्याख्याताओं का वर्ष 2017 से मिले द्वितीय समयमान वेतनमानरु 15600-39100 का,वेतन-भुगतान रुका हुआ है, जिससे सीनियर व्याख्याताओं मैं भारी आक्रोश व्याप्त है।
यह स्कूल शिक्षा विभाग की वर्तमान प्रचलित कार्यप्रणाली पर एक सवालिया प्रश्न लगाता है? इन सबसे एसा प्रतीत होता है कि स्कूल शिक्षा विभाग में मुख्यमंत्री के आदेश/निर्देशों एवं उनके कार्यालय के पत्रों का कोई महत्व नहीं है।
अस्तु महामहिम से सादर अनुरोध एवं निवेदन है कि वे व्याख्याताओं को मिले द्वितीय समयमान वेतनमान में पे-फिक्सेशन से कम वेतन मिलने की गड़बड़ी दूर करा उनका 05 वर्ष से रुका द्वितीय समयमान वेतन-भुगतान उन्हे शीघ्र दिलाने की कृपा करें। सधन्यवाद। (एम0 के0 सक्सेना) पूर्व प्रांतीय संयोजक, मप्र राजपत्रित अधिकारी संघ
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