स्कूल की किताब में पढ़ाया जाता है कि सप्ताह के जो 7 दिन है (रविवार से लेकर शनिवार तक), सभी हमारे सौर परिवार के ग्रहों को समर्पित है। जैसे रविवार सूर्य के लिए, सोमवार चंद्रमा के लिए और इसी प्रकार शनिवार तक। अब तक हमारे वैज्ञानिकों ने जितना पता लगाया है उसके अनुसार सिर्फ पृथ्वी पर मनुष्य रहते हैं। चंद्रमा पर जीवन की संभावना है। सवाल यह है कि जब सौर परिवार के शेष सात ग्रहों पर कोई रह नहीं सकता तो फिर इन ग्रहों के होने का फायदा ही क्या है। आइए जानने की कोशिश करते हैं:-
सबसे पहले अपने सौरमंडल का परिचय सरल हिंदी में
ब्रह्मांड एवं सौरमंडल अथवा सौर परिवार के बारे में अध्ययन करने के लिए सरकारी तौर पर खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक काम करते हैं। आज दिनांक तक वैज्ञानिकों ने पूरे ब्रह्मांड का पता नहीं लगा पाया है। जितनी जानकारी उनके पास है उसके अनुसार ब्रह्मांड में लगभग 19 अरब आकाशगंगा है और प्रत्येक आकाशगंगा में 10 अरब तारे हैं। प्रत्येक तारा सूर्य के समान है और उसका अपना सौर परिवार है। हम जिस सौर परिवार का हिस्सा है उसमें कुल 8 ग्रह हैं जिनमें से पृथ्वी सहित 7 ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं। यानी सौर परिवार का मुखिया सूर्य है पृथ्वी नहीं।
खगोल विज्ञान के अनुसार ग्रहों का मनुष्य के जीवन में क्या असर होता है
खगोल विज्ञान के वैज्ञानिक अब तक केवल इतना पता लगा पाए हैं कि यदि सूर्य नहीं होगा तो सौरमंडल नहीं होगा। यानी पृथ्वी का अस्तित्व ही नहीं होगा। वैज्ञानिक यह भी पता लगा चुके हैं कि चंद्रमा के कारण ही पृथ्वी पर मनुष्य, जीव जंतु एवं वनस्पति यानी जीवन है। चंद्रमा के कारण की समुद्र में लहरें उठती है। हवा चलती है, ऑक्सीजन पैदा होती है।
इन दो ग्रहों के बाद शेष पांच ग्रह पृथ्वी पर मनुष्य के जीवन के लिए उपयोगी है या नहीं। इसका पता नहीं लगाया गया है। यानी वैज्ञानिकों को नहीं पता कि यदि अचानक बुध ग्रह अथवा शुक्र ग्रह सौरमंडल से गायब हो जाए तो क्या पृथ्वी पर मनुष्य का जीवन प्रभावित होगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मानव जीवन में ग्रहों का प्रभाव
कहा जाता है कि करीब 5000 वर्ष पूर्व भारत के प्राचीन वैज्ञानिकों ने सौरमंडल का पर्याप्त अध्ययन कर लिया था। ज्योतिष शास्त्र में पृथ्वी के अतिरिक्त 7 नहीं बल्कि नौ ग्रहों का वर्णन किया गया है। सूर्य से लेकर शनि तक 7 ग्रहों के अलावा राहु एवं केतु को भी ग्रहों का दर्जा दिया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह सभी ग्रह ना केवल पृथ्वी पर मानव जीवन को बनाए रखने में समान भूमिका निभाते हैं बल्कि इंसानों के रूप, रंग, व्यवहार एवं शारीरिक क्षमताओं को भी प्रभावित करते हैं।
जैसे चंद्रमा के कारण मनुष्य का स्वभाव चंचल हो जाता है और बुध ग्रह के कारण मनुष्य में जिज्ञासा उत्पन्न होती है। जिन मनुष्यों की कुंडली में बुध का प्रभाव नहीं होता, वह मनुष्य इस प्रकार के लेख एवं समाचार पढ़ना पसंद नहीं करते। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि सौरमंडल में एक भी ग्रह कम हो जाएगा तो उसका सीधा प्रभाव पृथ्वी पर मनुष्य के जीवन पर पड़ेगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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