भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने आत्मनिर्भर कृषि एप को लॉन्च करते हुए कहा कि, किसान मित्र पहल के आत्मानिर्भर कृषि एप के साथ, किसानों के पास आईएमडी, इसरो, आईसीएआर और सीजीडब्ल्यूए जैसे हमारे शोध संगठनों द्वारा दी जाने वाली साक्ष्य-आधारित जानकारियां होंगी।
देश के दूरदराज के इलाकों में कनेक्टिविटी के मुद्दों को देखते हुए एप को न्यूनतम बैंडविड्थ पर काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। ये ऐप जीपीएस पर काम कर सकेगा। ऐसे में जब आप एप को डाउनलोड करते हैं तो ये उस जगह की लोकेशन के हिसाब से वहां के मौसम इत्यादि की जानकारी फोन में सेव कर लेता है। ताकि किसान बाद में भी उस जानकारी का लाभ उठा सकें। सरकार का ये एप अभी एंड्राइड और विंडोज के एप स्टोर पर उपलब्ध है।
ऐसे होगी किसानों की मदद
आत्मनिर्भर कृषि एप देश की 12 स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध है। इसमें किसान अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी, तमिल, मराठी, गुजराती और बांग्ला में भी जानकारी हासिल कर सकेंगे। इसके अलावा किसानों को एप जानकारी पढ़ने की जरूरत भी नहीं होगी। वे इन 12 भाषाओं में जानकारी का अनुवाद सुन भी सकते हैं।
आत्मनिर्भर कृषि ऐप को किसानों को कृषि संबंधित बारीक से बारीक जानकारी उपलब्ध कराने और मौसम संबंधी जानकारी व अलर्ट सुविधा देने के लिए बनाया गया है। इसके जरिए किसानों को मिट्टी के प्रकार, मिट्टी की सेहत, नमी, मौसम और पानी उपलब्धता से संबंधित आंकड़ों को एकत्र किया गया है। किसानों द्वारा फसल पैटर्न, छोटे किसानों की जोत के मशीनीकरण या पराली जलाने संबंधी फैसले, पानी एवं पर्यावरण के स्थायित्व की महत्ता व संसाधनों के विवेकपूर्ण इस्तेमाल को ध्यान में रखकर लिया जाए।
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