भोपाल। सरकारी भेल कॉलेज मैनेजमेंट की गलती के कारण मध्यप्रदेश शासन ने शायद अपने कुछ होनहार प्रशासनिक अधिकारी को दिए। कई सालों से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे 135 उम्मीदवारों की किस्मत की बत्ती गुल हो गई क्योंकि भेल कॉलेज के मैनेजमेंट ने उचित प्रबंध नहीं किए थे। परीक्षा के बीच में लाइट चली गई और इनवर्टर ने भी काम नहीं किया।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 72 सेंटरों पर परीक्षा का आयोजन किया गया। लोक सेवा आयोग मध्य प्रदेश द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में इस पर लिखा हुआ था कि परीक्षा केंद्र पर बिजली कट हो जाने की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए। भेल कॉलेज के दस्तावेजों में इनवर्टर मौजूद है। कॉलेज में भी इनवर्टर रखा था लेकिन जब परीक्षा के बीच में बिजली गई तो इनवर्टर ने भी काम नहीं किया क्योंकि बैटरी खराब थी।
गलती किसी की भी हो परंतु इस सेंटर पर परीक्षा देने वाले 135 उम्मीदवारों के प्रदर्शन पर असर जरूर पड़ा है। कॉलेज मैनेजमेंट में सभी परीक्षार्थियों की टेबल पर मोमबत्ती लगाई। मोमबत्ती की लाइट में परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। परीक्षा के दौरान एक बार बिजली जाने से, दूसरी बार इनवर्टर के बंद हो जाने से और तीसरी बार मोमबत्ती लगाए जाने के उपक्रम से परीक्षार्थियों का ध्यान भंग हुआ।
केंद्र अधीक्षक का बयान: हमने भेल प्रबंधन और बिजली कंपनी को सूचना दी थी
गवर्नमेंट पीजी काॅलेज भेल के केंद्र अधीक्षक डॉ. मथुरा प्रसाद का कहना है कि हमने परीक्षा से पहले ही भेल प्रबंधन और बिजली कंपनी को परीक्षा को लेकर बिजली आपूर्ति निरंतर रखने की सूचना दी थी। इसके बावजूद रविवार को 3.30 बजे अचानक बिजली गुल हो गई, हालांकि कॉलेज का इन्वर्टर शुरू हो गया। हमने पहले ही मोमबत्ती की व्यवस्था कर ली थी।
परीक्षा के समाप्त होने से 10 मिनट पहले इन्वर्टर डाउन हो गया, जिसके पहले ही हमने 135 कैंडिडेट की टेबल पर मोमबत्ती एहतियातन लगा दी गई थी। हालांकि फिर भी उजाला आ रहा था। इस बीच कैंडिडेट को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हुई। एग्जाम बिना किसी बाधा के पूरा हुआ। उन्होंने बताया कि उनके सेंटर पर 200 कैंडिडेट का रजिस्ट्रेशन था। पहले पेपर में 140 कैंडिडेट शामिल हुए थे। दूसरे पेपर में 135 कैंडिडेट शामिल हुए।
कैंडिडेट को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई: उपायुक्त का दावा
वहीं, भोपाल की राजस्व उपायुक्त संजू कुमारी ने बताया कि भेल सेंटर पर बिजली गुल होने की सूचना मिली थी। हालांकि कैंडिडेट को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। इधर कैंडिडेट्स की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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