भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बिल्डर सत्यजीत माइटी द्वारा बनाए गए कल्याणी अपार्टमेंट का पैनल टूट गया। 14 परिवार खतरे में थे परंतु प्रशासन और नगर निगम की टीम ने समय पर कार्रवाई करते हुए सभी को शिफ्ट कर दिया एवं अपार्टमेंट को सील कर दिया है। कल्याणी अपार्टमेंट्स, दानिश कुंज जैन मंदिर के पीछे सर्वजन कॉलोनी में स्थित है। इसमें कुल 16 फ्लैट हैं। यह अपार्टमेंट 2013 में बनकर तैयार हुआ था और 2014 से लोगों ने रहना शुरू किया है।
2016 से शिकायत कर रहे हैं, बिल्डर मरम्मत नहीं करवाता
काॅम्प्लेक्स के फ्लैट नंबर 103 में रहने वाले तेज सिंह ने बताया कि 2016 में ही मकानों में क्रैक्स आने लगे थे। उन्होंने बिल्डर को इसकी जानकारी भी दी लेकिन उसने ध्यान नहीं दिया उल्टा पार्किंग एरिया में अवैध फ्लैट बनाने लगा। रहवासियों ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत कर इन्हें तुड़वा दिया। इसके बाद बिल्डर से बिल्डिंग को रिपेयर कराने के लिए कहते रहे लेकिन वह टालता रहा। पिछले दिनों समस्या बढ़ने पर रहवासियों ने अपने स्तर पर ही कुछ सुधार कार्य कराया लेकिन शुक्रवार शाम को एक पिलर खिसक गया। रहवासियों ने नगर निगम को सूचना दी। थोड़ी देर बाद निगम के कोलार फायर प्रभारी पंकज खरे अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए।
बिल्डर सत्यजीत माइटी बोला- रहवासियों को सौंप चुके हैं बिल्डिंग
एसडीएम क्षितिज शर्मा और जिला प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची और बिल्डर सत्यजीत माइटी को बुलाया। थोड़ी देर बाद अतिक्रमण प्रभारी आकाश मिश्रा ने मकान खाली कराने में लोगों की मदद की। बिल्डर का कहना है कि 2014 में वे यह बिल्डिंग रहवासियों को सौंप चुके हैं।
प्रशासन के दबाव में बिल्डर सत्यजीत माइटी झुका
सहायक यंत्री प्रमोद मालवीय ने बिल्डिंग की जांच की। बिल्डर सत्यजीत माइटी ने कहा कि वे रिपेयरिंग कराने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कुछ लोगों को अपने अन्य काॅम्प्लेक्स में अस्थायी मकान दे दिया है और बाकी के किराए का भुगतान भी करेंगे।
बिल्डिंग के स्ट्रक्चर में सुधार आसान नहीं है
जानकारों के अनुसार बिल्डिंग तैयार होने और उसमें क्रेक्स आने के बाद स्ट्रक्चर में सुधार आसान नहीं है। बिल्डर अब जो कुछ भी करेगा, वह वैसा ही होगा जैसे सड़क का पेचवर्क होता है। यह बिल्डिंग काली मिट्टी पर बनी है, संभव है कि इसकी नींव ही कमजोर हो। सुधार कार्य से पहले अनुभवी स्ट्रक्चर इंजीनियर से जांच कराई जाना चाहिए।
नगर निगम के सर्वे की हकीकत सामने आई
कोलार में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में पिलर खिसकने की इस घटना से नगर निगम द्वारा बरसात के पहले किए जाने वाले जर्जर भवनों के सर्वे की हकीकत सामने आ गई है। नगर निगम ने पिछले पांच साल से शहर में जर्जर भवनों का सर्वे नहीं किया है। हर साल पुरानी लिस्ट में ही कांट-छांट की जा रही है। यदि कोलार क्षेत्र में निगम अमला सर्वे करता तो यह बिल्डिंग जर्जर भवन की सूची में आ जाती। नगरपालिक निगम अधिनियम में केवल नगर निगम को ही किसी भी भवन को जर्जर घोषित कर उसे खाली करा कर तोड़ने के अधिकार हैं।
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