BHOPAL NEWS- डॉक्टर भूरिया की मौत का रहस्य बरकरार, बैचमेट डॉक्टर भी हैरान

Bhopal Samachar
भोपाल
। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के जेपी अस्पताल में पदस्थ सीनियर डॉक्टर एचएल भूरिया की मौत का रहस्य बरकरार है। परिवार और अस्पताल ने एक दूसरे को टारगेट किया है। उनकी लाश उन्हीं के सरकारी आवास में फांसी पर लटकी हुई मिली थी। पुलिस इसे आत्महत्या मान कर चल रही है परंतु ना तो पुलिस के पास कोई सुसाइड नोट है और ना ही आत्महत्या का कारण। 

कुत्ते की रस्सी से बनाया गया था फांसी का फंदा

डॉक्टर हजारी लाल भूरिया जेपी अस्पताल कैंपस में बने हुए सरकारी आवास में रहते थे। उनकी लाश कुत्ते को बांधने वाली रस्सी से बनाए गए फांसी के फंदे पर लटकी हुई थी। घर में इलेक्ट्रिक वायर से बनाया गया फांसी का फंदा भी मिला है। डॉक्टर के भतीजे दीपक राज ने बताया कि डॉ. भूरिया को घर में कोई परेशानी नहीं थी। ऑफिस से कोई दिक्कत हो तो हम बता नहीं सकते। इधर, अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि हमारे यहां कुछ नहीं हुआ, कोई निजी कारण होगा तो पता नहीं।

काम से काम रखते थे, परिवार में बात करते रहते थे, किसी से कोई विवाद नहीं

डॉ. भूरिया की सागर के जिला अस्पताल में पदस्थ स्त्रीरोग विशेषज्ञ पत्नी डॉ. सरोज भूरिया ने कहा कि उनको कुछ भी समझ में नहीं आ रहा। उन्हाेंने बताया कि बातचीत होती रहती थी। बेटा चेतन (27) नोएडा से एबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि डॉ. भूरिया का किसी से विवाद नहीं था। काम से काम रखते थे।

घर में कुत्ते नहीं थे, रस्सी कहां से आई

अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि वह किसी से ज्यादा बात नहीं करते थे। वह अस्पताल से निकलने के बाद सीधे अपनी क्वार्टर में जाते थे। कुछ दिन पहले तक उनके पास दो जर्मन शेफर्ड नस्ल के कुत्ते थे। उनके साथ कई बार उनके घर के बगीचे में खेलते देखा। कुछ समय पहले उनको रिश्तेदार कहीं ले गए। 

COVID-19 का शिकार हुए थे लेकिन डिप्रेशन में नहीं थे

डॉक्टर भूरिया को कोविड भी हो गया था। ऐसे में कुछ लोग उनके अकेलेपन को लेकर मानसिक परेशानी होने के कयास भी लगा रहे हैं। हालांकि इसको लेकर कोई भी स्पष्ट कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। कुछ ने बताया कि अस्पताल में उनका कोई विवाद नहीं था। निजी कारण से कदम उठया हो तो हम कुछ बता नहीं सकते।

खुशमिजाज व्यक्ति आत्महत्या कैसे कर सकता है, बैचमेट डॉक्टर भी हैरान

डॉ. भूरिया तीन साल पहले ही सागर से ट्रांसफर होकर जेपी अस्पताल आए थे। वे मार्च 2022 में रिटायर होने वाले थे। डॉ. भूरिया के साथ कॉलेज में पढ़ाई करने वाले एम्स के डॉ. राजेश मलिक ने बताया कि डेढ़-दो महीने पहले मुलाकात हुई थी। हमेशा खुश मिजाजी से मिलते थे। हमारे बैच के सभी लोगों को आश्चर्य हो रहा है कि इतना खुशमिजाज व्यक्ति आत्महत्या जैसा कदम उठा सकता है।

सबसे पहले रसोईया ने लाश को फांसी पर झूलते हुए देखा

सागर के रहने वाले 63 वर्षीय डॉक्टर एचएल भूरिया जेपी अस्पताल में ब्लड बैंक के इंचार्ज थे। वह अस्पताल परिवसर में सरकारी आवास में अकेले ही रहते थे। शनिवार सुबह 7 बजे घर पर खाना बनाने वाला रसोइया पहुंचा, तो भूरिया फंदे पर लटके मिले।

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