भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि जब गर्म मानसूनी हवाएं ठंडी हवाओं के साथ परस्पर क्रिया करती हैं तो इससे विशाल बादलों का निर्माण होता है, जो भौगोलिक कारकों के कारण भी होता है।
बादल कैसे और क्यों फटते हैं
मौसम के बारे में जानकारी देने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर के वाइस प्रेसिडेंट (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन) महेश पलावट ने कहा कि इस प्रकार के बादलों को तूफानी बादल कहा जाता है, जिनकी ऊंचाई 13-14 किलोमीटर तक होती है। अगर ये बादल किसी एक क्षेत्र विशेष में फंस जाते हैं या उन्हें तितर-वितर करने के लिए हवा नहीं बहती है तो ऐसे बादलों में जमा पानी अचानक नीचे गिरता है। इसे हल बादल का फटना कहते हैं।
क्या बादल तब फटते हैं जब देवता रूठ जाते हैं
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि बादल का फटना एक बहुत ही छोटे स्तर की घटना है और ज्यादातर हिमालयी या पश्चिमी किनारों के पहाड़ी इलाकों में होती हैं।
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