कोयल की आवाज किसे पसंद नहीं आती। साधु हो या डाकू, कोयल की आवाज सुनते ही हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है परंतु क्या आप जानते हैं जो आम के पत्तों में गीत गाता है वह मादा कोई और नहीं बल्कि नर कोयल होता है। मादा कोयल की आवाज मधुर नहीं होती बल्कि वह तो एक शातिर अपराधी होती है।
नर कोयल की खास बातें
नर गोयल के काले रंग में नीलापन होता है। उसकी आंखें लाल और पंख पीछे की तरफ लंबे होते हैं। नर कोयल ही है जो बगीचे में गाता है। वह काफी शर्मिला होता है। गाते समय खुद को पेड़ के पत्तों के बीच छुपा लेता है ताकि कोई उसे देख ना पाए। नर कोयल इतनी एकाग्रता के साथ गाता है कि हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है। कुल मिलाकर दुनिया में कोयल के बारे में जितनी भी अच्छी बातें की जाती है, वह सब नर कोयल के बारे में होती हैं। मादा कोयल के बारे में नहीं।
मादा कोयल क्रूर और अपराधी क्यों कहीं जाती है
मादा कोयल काली नहीं होती बल्कि तीतर की तरह धब्बेदार चितकबरी होती है। मादा कोयल अपने अंडे कौए के घोंसले में देती है। कौए को धूर्त पक्षी माना जाता है लेकिन मादा कोयल उसके साथ ना केवल छल करती है बल्कि अपराध भी करती है। वह कौए के अंडों को गिराकर अपने अंडे रख देती है। काग दंपत्ति कोयल के बच्चों को अपने बच्चे समझकर पालते हैं। कोयल चोरी छुपे अपने बच्चों से मिलती है और उन्हे भी धोखा देना सिखा देती है। कोयल के बच्चे जब उड़ने के योग्य हो जाते हैं तो अपने अभिभावक काग दंपत्ति को धोखा देकर भाग जाते हैं। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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