यह तो हम सभी जानते हैं कि रोमन लिपि दुनिया के लोकप्रिय लिखावट के तरीकों में से एक है। जर्मन, फ़्रांसिसी, स्पैनिश, पुर्तगाली, इतालवी, डच, नॉर्वेजियन, स्वीडिश, रोमानियाई, इत्यादि में रोमन का उपयोग किया जाता है। गणित की बड़ी से बड़ी संख्या को रोमन में कम से कम अक्षरों में सफलतापूर्वक लिखा जाता है।
रोमन संख्याओं का एक उदाहरण
1 = I
10 = X
100 = C
1000 = M
10,000 = X
100,000 = C
1,000,000 = M
देखा आपने, हम जिसे एक लाख कहते हैं उसे रोमन संख्या में M के ऊपर एक लाइन (अपर लाइन) लगाकर लिखा जाता है। 100000 संख्या को केवल हम भारतीय ही एक लाख कहते हैं, पश्चिम में ऐसे हंड्रेड थाउजेंड कहा जाता है।
कुल मिलाकर रोमन संख्याएं काफी स्मार्ट नजर आती हैं। भारतीय गणित में जिस संख्या को लिखने के लिए कई सारे अक्षरों का उपयोग किया जाता है रोमन में उसी संख्या को अधिकतम दो या तीन अक्षरों में लिख दिया जाता है लेकिन यह सारी स्मार्टनेस 0 के सामने आकर डबल जीरो हो जाती है।
शून्य यानी 0 केवल भारतीय पद्धति में ही लिखा जा सकता है। रोमन में शून्य के लिए कोई अक्षर नहीं है। क्योंकि शून्य का आविष्कार भारत में हुआ था। रोमन में किसी भी संख्या के पीछे 0 बढ़ाए जा सकते हैं परंतु केवल 0 लिखने का कोई प्रावधान नहीं है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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