ग्वालियर। आजादी से पहले महाराजा सिंधिया के महल जय विलास पैलेस से कुलदेवी मांढरे की माता तक जाने के लिए जो विशेष मार्ग बनाया गया था, उसे राजपथ कहा जाता था। ग्वालियर स्मार्ट सिटी के बजट से 300 करोड रुपए खर्च करके इसी मार्ग को स्मार्ट रोड बनाया जा रहा है। रोड बन जाने के बाद यहां से निकलने वालों को एहसास होगा कि वह महाराजा के महल के सामने राजपथ से गुजर रहे हैं।
15 किलोमीटर लंबी होगी ग्वालियर का स्मार्ट रोड
बताया गया है कि यह स्मार्ट रोड 15 किलोमीटर लंबी होगी। यह रोड केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निवास महल, जय विलास पैलेस के सामने से होते हुए अचलेश्वर मंदिर, सिंधिया की छतरी एमएलबी कॉलेज, मेडिकल कॉलेज होते हुए कंपू के रास्ते आगे तक जाएगी। इस रोड पर कम से कम 300 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे। प्रोजेक्ट पूरा होने तक खर्चे की रकम बढ़ाई जा सकती है। यह एक ऐसी रोड होगी जिस से गुजरने वाले को एहसास होगा कि वह महाराजा के महल वाली रोड से गुजर रहा है।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी राजपथ स्मार्ट रोड
स्मार्ट सिटी CO जयति सिंह का कहना हैं कि यहां से गुजरने वाले लोगों को कोई समस्या ना हो यही कारण है कि इस रोड को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस रोड बनाया जा रहा है, इसके साथ ही स्मारकों के आसपास लोगों के बैठने के लिए बेहतर व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं।
सिंधिया की शान में खर्च किया जा रहा है 300 करोड़: कांग्रेस पार्टी
स्मार्ट सिटी के इस प्रोजेक्ट पर स्थानीय कांग्रेस के नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि जनता से मनमाना टैक्स वसूलने के बाद 300 करोड़ रुपए का खर्चा केवल ज्योतिरादित्य सिंधिया की शान में खर्च किया जा रहा है। इस रोड को पहले ही थीम रोड के रूप में डेवलप किया जा चुका है। फिलहाल फिर से सड़क बनाने की जरूरत नहीं है। ग्वालियर की सड़कों में हजारों गड्ढे मौजूद हैं। यह पैसा शहर की सड़कों को दुरुस्त करने के लिए खर्च किया जाना चाहिए।
असली मायने में यह जनपथ है: भाजपा
वहीं कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है और कहा है कि विकास एक सतत प्रक्रिया है जब हमने थीम रोड बनवाया था तब सिंधिया जी कौन से बीजेपी में थे। अब एक बार फिर यह रोड बन रहा है भले ही इसका नाम राजपथ हो लेकिन असली मायने में यह जनपथ है।
मजेदार बात करेगी किसी रोड के 'राजपथ और जनपथ' दोनों ही नाम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जुड़े हुए हैं। भारत के सर्वोच्च पद पर विराजमान राष्ट्रपति महोदय के आवास एवं कार्यालय की तरफ जाने वाली रोड को आधिकारिक रूप से राजपथ कहा जाता है, और संसद की तरफ जाने वाली रोड को लोकपथ।