शक्ति रावत। लोग जीवन में आगे जाना चाहते हैं, या फिर अपने मौजूदा स्तर से ऊपर उठना चाहते हैं, इसके लिए बातें भी होतीं हैं, और प्लानिंग, इरादे भी बनते हैं, और रणनीतियां भी, लेकिन नतीजे सबके अलग-अलग हो जाते हैं, क्यों? शेख चिल्ली हर रोज बहुत सारी बातें करता, योजनाएं बनाता और सोचता रहता, उसका पूरा दिन इसी में निकल जाता।
चंदूमल बदलाव की योजना बनाता, कुछ काम भी करता लेकिन जितनी जरूरत उतना नहीं करता, और ढब्बूजी केवल एक् शन में यकीन करते हैं, उनके काम जब हो जाते हैं, तभी लोगों को पता चलता है, कि वे क्या कर रहे हैं। पूरी दुनिया में ऐसे ही तीन तरह के लोग हैं। हमारे पुराने शास्त्रों में इन्हें अधम, मध्यम और उत्तम पुरूष कहा गया है। पहले वे जो सिर्फ कहते हैं, दूसरे कहते और करते हैं, जबकि तीसरे केवल करते हैं। लाइफ चैजिंग मैनेजमेंट के इस पाठ में आप भी जांचिए कि आप अपनी जिंदगी में इनमें से किस लेवल पर खड़े हैं।
1- केवल सोचते हैं
पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा तादाद इन्हीं लोगों की है, जिन्हें आतौर पर हम शेखचिल्ली कहते हैं, इनके पास हमेशा बड़ी-बड़ी योजनाएं और प्लान होते हैं, लेकिन हर बार जब ये मिलते हैं, इनके प्लान चेंज हो चुके होते हैं, क्योंकि ये योजनाएं तो बनाते हैं, उनकी बातें भी करते हैं, और इनकी बातों से ऐसा लगता है, कि ये कुछ बहुत बड़ा करने वाले हैं, लेकिन करते कुछ भी नहीं। शुरू में लोगोंं पर प्रभाव तो डालते हैं, लेकिन जल्द ही लोग इन्हें समझ जाते हैं, इसलिये कोई बड़ा बदलाव अपने जीवन में ये नहीं ला पाते।
2- थोड़ा सोचते, थोड़ा करते भी हैं
यह पहले वाले लेवल से थोड़े ठीक हैं, ये योजनाएं बनाते हैं, उन पर सोचते हैं, बदलाव के लिए गंभीर होते हैं, लिहाजा कुछ चीजों पर काम भी करते हैं, लेकिन बहुत दिनों तक अपने विचार पर कायम नहीं रह पाते, हर मामले में थोड़ा संघर्ष करके वापस अपने पुराने रूटीन पर लौट आते हैं। कारण आत्म विश्ववास की कमी और बदलाव के साथ खुद को बदलने में थोड़े आलसी साबित होते हैं।
3- सिर्फ और सिर्फ करते हैं
ये बदलावों का महत्व जानते हैं, इनको पता है, कि खुद को बदले बिना कुछ भी नहीं बदलेगा, लिहाजा पूरा फोकस अपनी योजनाओं और प्लान पर रखते हैं, यह अपने प्लान को लेकर ढिढ़ोरा पीटने से भी बचते हैं, सिर्फ खुद से कमेटमेंट करते हैं, और उसे पूरा करते हैं, दुनिया को ज्यादातर इनके काम का पता उसके हो जाने के बाद ही चलता है। यह वह क्रीम लियर है, जो आपको सफलता और आनंद के सामाजिक पिरामिड पर सबसे ऊपर दिखाई देती है। तो आप खुद का मूल्यांकन करके पता लगाईये आप अभी कहां पर हैं, अगर तीसरे पर नहीं हैं, तो पहले से दूसरे और दूसरे से तीसरे लेवल पर आने में जुट जाईये ताकि आपकी मेहनत सफल हो सके, और आप वहां पहुंचें जहां आप खुद को जिंदगी के साथ डिर्जव करते हैं। -लेखक मोटीवेशनल स्पीकर एंव लाइफ मैनमेंट कोच हैं।